कमांडर स्तर की बैठक के बाद भारत-चीन का साझा बयान, इन मुद्दों पर बनी सहमति
नई दिल्ली। लद्दाख में सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच मोल्डो में सोमवार को हुई कमांडर स्तर की छठें दौर की बैठक पर दोनों देशों की ओर से साझा बयान जारी किया गया है। स्टेटमेंट में कहा गया है कि 21 सितंबर को भारत और चीन के वरिष्ठ कमांडरों के बीच हुई बैठक में एलएसी पर स्थिति को सामान्य रखने को लेकर अच्छा और गहन विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्ष इस पर सहमत हुए कि बातचीत के ज्यादा से ज्यादा रास्ते खोले जाएं, दनों पक्ष किसी भी गलतफहमी से बचें, फ्रंटलाइन पर और सैनिकों को भेजना रोका जाए, सीमा पर स्थिति को बदलने से बचा जाए और कोई भी ऐसी कार्रवाई ना की जाए, जो हालात को ज्यादा मुश्किल बनाए।
बयान में कहा गया है कि दोनों पक्षों ने जल्दी ही सैन्य कमांडर-स्तर की 7वें दौर की बैठक आयोजित करने पर भी सहमति व्यक्त की है ताकि बातचीत जारी रहे। साथ ही बॉर्डर पर समस्याओं को ठीक से हल करने के लिए व्यावहारिक उपाय करते हुए संयुक्त रूप से सीमा क्षेत्र में शांति के लिए काम किया जाए।
भारत और चीन में वरिष्ठ सैन्य कमांडर स्तर की छठे दौर की वार्ता सोमवार को हुई है। 14 घंटे तक चली ये बैठक एलएसी के पार मोल्डो में सुबह करीब 9 बजे शुरू हुई और रात 11 बजे तक जारी रही। भारतीय प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई भारतीय सेना की लेह स्थित 14 कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने की। बैठक में पहली बार विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव नवीन श्रीवास्तव इस प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बने।
भारत-चीन में ये बैठकें सीमा पर टकराव को दूर करने के लिए पांचसूत्री द्विपक्षीय समझौते के क्रियान्वयन को लेकर हो रही हैं। पांच सूत्री समझौते का लक्ष्य तनावपूर्ण गतिरोध को खत्म करना है जिसके तहत सैनिकों को शीघ्र वापस बुलाना, तनाव बढ़ाने वाली कार्रवाइयों से बचना, सीमा प्रबंधन पर सभी समझौतों और प्रोटोकॉल का पालन करना तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति बहाली के लिए कदम उठाना जैसे उपाय शामिल हैं। इससे पहले पांचवें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता दो अगस्त को हुई थी।
भारत और चीन के बीच करीब पांच महीने से टकराव की स्थित बनी हुई है। लद्दाख में सीमा की स्थिति को लेकर दोनों देशों में तनाव है। इसको लेकर कई बार सेनाएं भी आमने-सामने आईं और झड़पें भी हुई हैं। जून में गलवान में 20 भारतीय सैनिकों की जान भी जा चुकी है। सीमा पर शान्ति बनी रहे और विवाद सुलझ जाए, इसको लेकर बातचीत हो रही है।