मिलिट्री कमांडर स्तर की चर्चा से पहले भारत-चीन विदेश मंत्रालय के अफसरों के बीच बैठक, इन मुद्दों पर बनी सहमति
नई दिल्ली। लद्दाख में चीन और भारत में तनाव के बीच दोनों देशों के विदेश मंत्रालयों के अफसरों में बैठक हुई है, इसमें कई बातों को लेकर दोनों पक्षों ने सहमति जताई है। संयुक्त सचिव (पूर्वी एशिया) नवीन श्रीवास्तव और चीनी विदेश मंत्रालय के डीजी वू जियांगाहू के बीच शुक्रवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए ये अहम बैठक हुई। विदेश मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि दोनों पक्षों ने हाल के घटनाक्रम और द्विपक्षीय संबंधों की स्थिति को लेकर बातचीत की है। भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग ने भी बैठक में हिस्सा लिया। उन्होंने मीटिंग की तस्वीरें शेयर करते हुए कहा कि बातचीत काफी अच्छी रही। ये बैठक इसलिए अहम है क्योंकि दोनों देशों के मिलिट्री कमांडरों में शनिवार सुबह बातचीत होनी है, जिससे पहले ये मीटिंग हुई है।
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विदेश मंत्रालय के मुताबिक, भारत और चीन के अधिकारियों ने माना कि दोनों देशों के के बीच शांतिपूर्ण, स्थिर और संतुलित संबंध मौजूदा वैश्विक स्थिति में स्थिरता के लिए जरूरी हैं। दोनों ही देशों का मानना है कि मतभेदों को शांतिपूर्ण बातचीत के जरिए ही हल करना चाहिए। दोनों पक्ष इस बात पर भी सहमत हुए कि नेतृत्व की ओर से मिले मार्गदर्शन के अनुसार, दोनों पक्षों को एक दूसरे का सम्मान रखत हुए और चिंताओं को समझते हुए शांतिपूर्ण चर्चा के माध्यम से अपने मतभेदों को खत्म करना चाहिए। दोनों देशों का मानना है कि अगर कोई मामला है तो उसे विवाद नहीं बनने देना चाहिए। इसके अलावा दोनों देशों के अफसरों ने कोरोना महामारी और दूसरे मंचों की चुनौतियों को लेकर भी बात की।
बता दें कि दोनों देशों के मिलिट्री कमांडरों में शनिवार सुबह बातचीत होगी। यह बातचीत चीन के मोल्डो में होगी। इस दौरान 14 कॉर्प्स के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह चीन के मेजर जनरल लियू लिन से बातचीत करेंगे। लियू लिन साउथ झिंनझियांग मिलिट्री रीजन के कमांडर हैं। इस बातचीत में भारत चीन पेंगॉन्ग सो, गल्वान घाटी और डेमचोक में दोनों सेनाओं के बीच जारी तनाव को कम करने के मुद्दों पर बात करेंगे। दोनों पक्ष शनिवार को पूर्वी लद्दाख में महीने भर से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के मकसद से विशेष प्रस्तावों पर विचार-विमर्श कर सकते हैं।
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