बॉर्डर पर चीन के साथ टकराव के बीच लद्दाख में BRO ने बना डाली 36 किमी लंबी सड़क
नई दिल्ली। चीन के साथ बॉर्डर जारी तनाव के बीच ही भारत ने लद्दाख के लुकुंग से लेकर खाकतेड़ तक सड़क निर्माण का कार्य पूरा कर लिया है। इस सड़क के निर्माण कार्य को बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन (बीआरओ) ने पूरा किया है। यह सड़क लुकुंग के चार गांवों को आपस में जोड़ेगी। लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के वेस्टर्न सेक्टर पर पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच पांच मई से ही टकराव की स्थिति है। यह विवाद भी भारत की तरफ से बॉर्डर के इलाकों में जारी निर्माण कार्यों की वजह से ही पैदा हुआ है।
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चार गांवों को आपस में जोड़ेगी रोड
इस नई सड़क को 36 करोड़ की लागत से पूरा किया गया है और इसकी लंबाई 36 किमी है। ये सड़क लुकुंग के चार गांवों- मान, मेराक, स्पांगमिक और खाकतेड़ को आपस में जोड़ेगी। बताया जा रहा है कि लद्दाख में यह सड़क सबसे ऊंचाई वाले इलाकों से होकर गुजरती है। सड़क मरसिमक-ला पास से गुजरती है और यह दुनिया के सबसे उंचा दर्रा है। जो बात सबसे अहम है वह है कि यह सड़क पेंगोंग-त्सो झील से सटे लुकुंग और फोबरांग को एलएसी के हॉट-स्प्रिंग से जोड़ती है। इसी जगह पर अभी तक चीन के सैनिक जमे हुए हैं।
हॉट-स्प्रिंग्स से गुजरती है सड़क
हॉट-स्प्रिंग्स, एलएसी का वह हिस्सा है जहां पर पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का अड़ियल रवैया कायम है। यहां पर चीन ने डिसइंगेजमेंट को पूरा करने से साफ इनकार कर दिया है। इस समय फिंगर एरिया के बाद इसी इलाके पर सबसे ज्यादा तनाव की स्थिति है। मरसिमक-ला रोड की कुल लंबाई 75 किलोमीटर है और ये करीब 18,953 फीट की ऊंचाई तक जाती है। सरकार ने वर्ष 2017 में डोकलाम विवाद के तुरंत बाद बीआरओ को इस सड़क को बनाने की मंजूरी दी थी। लुकुंग इलाका, पैंगोंग झील के एकदम करीब है।
जल्द ही ऑपरेशनल होगी नई बॉर्डर पोस्ट
जल्द ही लुकुंग के करीब यहां पर इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस की पहली 'क्लाइमेट कंट्रोल्ड' बॉर्डर आउटपोस्ट को सक्रिय किया जाएगा ताकि सर्दियों में भी चीन को जवाब देने के लिए सेनाएं हाई अलर्ट पर रहें। लुकुंग में सड़क निर्माण कार्य पूरा होने की खबर ऐसे समय में आई है जब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर चीन के साथ जारी टकराव पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर लद्दाख में चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के साथ तनाव कम होता नजर नहीं आया तो फिर मिलिट्री एक्शन संभव है। लेकिन अगर दोनों देशों के बीच जारी सेना और राजनयिक वार्ता असफल रही, तभी इस विकल्प को आगे बढ़ाया जाएगा।
एक और सड़क पर तेजी से चल रहा है काम
पिछले दिनों न्यूज एजेंसी एएनआई ने जानकारी दी थी कि लद्दाख में सेना की गतिविधियों को आसान बनाने के मकसद से एक और सड़क का निर्माण होने वाला है। एएनआई के मुताबिक इस सड़क की मदद से पाकिस्तान और चीन बॉर्डर पर टैंक्स और जवानों की तैनाती सुरक्षित ढंग से हो सकेगी। दुश्मन को पता भी नहीं लगेगा और भारत की सेनाएं अपनी तैनाती को मजबूत कर सकेंगी। लद्दाख में जिस नई सड़क का निर्माण कार्य हो रहा है, वह यहां पर तीसरी ऐसी सड़क है जो ऊंचाई वाले इलाकों को आपस में जोड़ेगी। यह सड़क मनाली से लेह तक होगी।