India China faceoff: नरम हो रहा है चीन का रुख, LAC पर चीनी एयरफोर्स के जेट्स नहीं लगा रहे हैं गश्त
लेह। भारत और चीन के बीच जारी टकराव पर मंगलवार को एक अहम मोड़ आया जब चीनी सेना लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के तीन इलाकों से करीब 2.5 किलोमीटर पीछे हटी। अब इस में नए जानकारी यह सामने आ रही है कि एलएसी पर इंडियन एयरफोर्स (आईएएफ) और चीन की वायुसेनाओं की गतिविधियों में कमी आई है। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की तरफ से बताया गया है कि दोनों सेनाओं के फाइटर जेट्स जमीन पर ही हैं। पूर्वी लद्दाख में एयर एक्टिविटी भी पिछले दो दिनों में न के बराबर नोटिस की गई है।
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अक्साई चिन पर कुछ एक्टिविटी
पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) एयरफोर्स के फाइटर जेट्स की गतिविधियों में छह जून को हुई कमांडर स्तर की वार्ता में कमी देखी जा रही है। मंगलवार को चीन का कोई भी फाइटर जेट नजर नहीं आ आया है। हालांकि बुधवार को अक्साई चिन के क्षेत्र में कुछ गतिविधियां जरूर देखी गई थीं। ऑफिसर्स की मानें तो गलवान नाला पर पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 14 पर भी चीन के वाहनों में कमी आई है। साथ ही पैंगोंग झील सेक्टर पर फिंगर चार पर भी पीएलए के जवानों की संख्या कम देखी गई है। पीएलए के जवान पीपी 15 से चले गए हैं।
लगातार जारी थी पेट्रोलिंग
कुछ सीनियर ऑफिसर्स का कहना है कि एयर एक्टिविटी में कमी और दो अहम पोस्ट्स से जवानों का वापस जाना यह संकेत है कि आने वाले दिनों में चीनी से पीछे हट सकती है। जबकि दोनों पक्षों के मिलिट्री कमांडर्स के बीच वार्ता जारी है। चीन के शिनजियांग क्षेत्र में हर वर्ष होने वाली समर मिलिट्री एक्सरसाइज जारी है। इसके बीच ही दोनों देशों की वायुसेनाएं लगातार टकराव वाले क्षेत्र पर पेट्रोलिंग में बिजी हैं। आईएएफ और पीएलएएएफ के जेट्स पिछले कुछ दिनों तक लगातारी एलएसी पर उड़ान भर रहे थे। पांच मई को भारत और चीन की सेनाओं के बीच पैगोंग झील पर झड़प हुई थी।
मिलिट्री एक्सरसाइज के नाम पर बढ़ाई ताकत
चीन की एयरफोर्स ने टकराव के बाद पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र में मिलिट्री एक्सरसाइज के नाम पर न सिर्फ अपना एयर डिफेंस एक्टिवेट किया बल्कि उसने यहां पर आधी स्क्वाड्रन की ताकत बराबर जेट्स भी तैनात कर दिए थे। चीन ने इसके साथ ही काश्गर, होतान, यारकंद, कोरलाख् नागरी-गुंसा क्षेत्र में सभी एयरबेस भी एक्टिवेट कर लिए थे। तीन जगहों से चीनी सैनिका भले ही पीछे हट गए हों लेकिन टकराव अभी खत्म नहीं हुआ है। भारत चाहता है कि पूर्वी लद्दाख से सटी एलएसी से चीन की पीपुल्स लिब्रेशन ऑफ आर्मी (पीएलए) के 10,000 जवान और भारी हथियारों को हटाया जाए। ये जवान और हथियार भारतीय सीमा के करीब तैनात हैं।
बुधवार को हुई एक और वार्ता
बुधवार को दोनों देशों के बीच मेजर जनरल स्तर की वार्ता हुई और इस वार्ता का मकसद दोनों देशों की सेनाओं के पीछे आपसी भरोसे का निर्माण करना था। दूसरे दौर की वार्ता मकें फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकल सका है लेकिन सूत्रों का कहना है कि यह मीटिंग सकारात्मक रही है। भारत और चीन के कमांडर्स के बीच तनाव कम करने को लेकर चर्चा हुई। शुरुआती जानकारी के मुताबिक टकराव को पूरी तरह से खत्म करने के लिए अभी इस तरह के स्तर पर और मीटिंग्स होती रहेंगी। छह जून को हुई वार्ता में 14 कोर फायर एंड फ्यूरी के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरिंदर सिंह ने मोल्डो में अपने चीनी समकक्ष से मुलाकात की थी।