10 घंटे की कोर कमांडर वार्ता के बाद और बढ़ा भारत-चीन तनाव, पैंगोंग झील पर चीन ने नहीं की कोई बात
नई दिल्ली। भारत और चीन की सेनाओं के बीच रविवार को पांचवें दौर की कोर कमांडर की वार्ता लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के भारत वाले हिस्से में मोल्डो में हुई। सूत्रों के मुताबिक सुबह 11 बजे शुरू वार्ता रात 9:30 बजे तक चली है। 10 घंटे की इस वार्ता में एक बार फिर पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) का अड़ियल रवैया देखने को मिला है। भारत की तरफ से जहां पीएलए को पैंगोंग इलाका खाली करने को कहा गया है तो वहीं चीनी सेना ने इससे साफ इनकार कर दिया है।
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पैंगोंग खाली करने को तैयार नहीं चीन
दूसरी ओर इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन ने पैंगोंग त्सो पर बात करने से ही इनकार कर दिया है। इसकी वजह से अब दोनों देशों के बीच टकराव एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। बताया जा रहा है कि चीन इस बार पिछली बार की तुलना में कहीं ज्यादा अड़ियल रवैया अपनाए हुए है। चीन का नया रुख अब इस मुद्दे को और जटिल बनाता जा रहा है क्योंकि पीएलए ने लद्दाख के सभी इलाकों पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया को पूरा कर लिया है। इसमें गलवान वैली का पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 14, पीपी 15 और हॉट स्प्रिंग्स शामिल हैं। पीपी 17A और गोगरा पोस्ट पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया धीमी है। लेकिन फिंगर एरिया में डिसइंगेजमेंट न के बराबर है। पैगोंग पर चीन का रुख भारत के लिए मुश्किलें पैदा कर रहा है। सूत्रों के मुताबिक चीन के रवैये से साफ है कि वह इस इलाके में अप्रैल 2020 वाली यथास्थिति को बहाल करने के मूड में नहीं है।
टकराव को होने वाले हैं तीन माह
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनाव को तीन माह यानी 90 दिन होने वाले हैं। तनाव कम होने के कोई आसार नहीं नजर आ रहे हैं और इस बीच भारत में चीन के राजदूत सन विडोंग की तरफ से आया बयान चीन की मंशा को स्पष्ट कर देता है। चीनी राजदूत सन विडोंग ने दावा किया है कि लद्दाख में एलएसी ज्यादातर जगहों पर डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। विडोंग ने लद्दाख की पैंगोंग त्सो पर अपने देश का दावा पेश कर कहा कि चीन की पारंपरिक सीमा झील के उत्तर में एलएसी के मुताबिक ही है। विडोंग ने इस दावे को मानने से भी इनकार कर दिया कि चीन ने अपने पैंगोंग त्सो तक दावे को बढ़ा दिया है। पिछले दिनों एक वेबीनार में उन्होंने कहा, 'चीन की पारंपरिक सीमा एलएसी के अनुरुप ही है और इस तरह की कोई बात नहीं है कि चीन ने अपनी सीमा बढ़ा दी है। चीन को उम्मीद है कि भारतीय जवान सख्ती से द्विपक्षीय समझौतों और प्रोटोकॉल्स का पालन करेंगे और गैर-कानूनी तरीके से एलएसी को पार करने से बचेंगे।'