भारत-चीन सीमा विवाद: बेनतीजा रही गलवन घाटी में सैन्य अधिकारियों की बैठक, नहीं निकला कोई हल
नई दिल्ली। वास्तविक निंयत्रण रेखा (एलएसी) पर सोमवार की रात हुई हिंसक झड़प के बाद लद्दाख के गलवन घाटी में भारत और चीन के प्रमुख जनरलों के बीच बुधवार को बैठक हुई जो बेनतीजा साबित हुई है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक किसी तरह के जमीनी बदलाव न होने के कारण यह बातचीत अनिर्णायक रही है, आने वाले दिनों में और अधिक वार्ता होने की संभावना है। बता दें कि एलएसी पर भारत और चीन के बीच हुए हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए थे जिसके बाद से दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है।
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इस बीच दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच भी बैठक जारी है। देश की सीमा पर तनाव बढ़ने के बाद से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह लगातार उच्चस्तरीय बैठक कर रहे हैं। मंगलवार को उन्होंने तीनों सेना प्रमुखों (सेना, नौसेना और वायु सेना), चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के साथ अपने दिल्ली आवास पर एक दिन में लगातार दो बार अहम बैठक की थी। इस मीटिंग में आने वाले दिनों में चीन के साथ कैसे निपटा जाए इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी।
Talks between Major Generals of India and China in #GalwanValley are over. The talks have remained inconclusive as no immediate disengagement or change in ground has taken place. More talks to take place in the coming days: Sources pic.twitter.com/rRhfQgoJHj
— ANI (@ANI) June 17, 2020
चीनी
विदेश
मंत्री
को
जयशंकर
का
सख्त
संदेश
उधर,
सीमा
पर
हिंसक
झड़प
को
लेकर
भारतीय
विदेश
मंत्री
एस
जयशंकर
और
चीन
के
विदेश
मंत्री
वांग
यी
के
बीच
हुई
फोन
वार्ता
के
दौरान
जयशंकर
ने
चीन
को
सख्त
संदेश
दिया।
भारत
ने
गलवान
घटना
के
लिए
चीन
को
जिम्मेदार
बताया
है।
वांग
यी
के
साथ
हुआ
फोनवार्त
में
जयशंकर
ने
कहा
कि,
गलवान
में
जो
हुआ,
वह
पूर्वनियोजित
और
योजनाबद्ध
था,
इसी
के
वजह
से
सारी
घटनाएं
हुईं।
भारत
और
चीन
के
विदेश
मंत्रियों
के
बीच
बातचीत
में
इस
बात
पर
सहमति
बनी
की
हालात
को
जिम्मेदार
तरीके
से
संभाला
जाएगा
और
दोनों
पक्ष
6
जून
को
हुए
पीछे
हटने
के
समझौते
को
लागू
करेंगे।
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