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India China:पैंगोंग से पीछे हटकर, सिक्किम और अरुणाचल सीमाओं पर किस खुराफात में लगा है चीन ?

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नई दिल्ली: भारत और चीन की सेनाओं के कोर कमांड स्तर की 9 दौर की बातचीत के बाद चीन पैंगोंग झील के पास से तो पीछे हट तो गया है, लेकिन उसकी हरकतें अभी भी सामान्य नहीं हुई हैं। यही वजह है कि भारतीय सेना और सरकार के अधिकारी उसकी कथनी और करनी को लेकर पूरी तरह से सचेत हैं। वजह ये है कि थल सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे कह चुके हैं कि पूर्वी लद्दाख में पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी के साथ तनाव की वजह से उसपर भरोसे की कमी हुई है। असल में 3,488 किलो मीटर के वास्तविक नियंत्रण रेखा के पूर्वी लद्दाख के उस इलाके से ड्रैगन जरूर पीछे हटा है और उसी मुताबिक भारतीय सेना भी हटी है, लेकिन पूर्वी सेक्टर में चीन की सैन्य तैयारियां सावधान रहने का संकेत दे रही हैं।

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के उस पार क्या खुराफात रच रहा है चीन?

सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश के उस पार क्या खुराफात रच रहा है चीन?

एलएसी के पश्चिमी सेक्टर में पैंगोंग झील के पास से दोनों देशों की सेनाओं के पीछे हटने के बावजूद गोगरा-हॉट स्प्रिंग और एलएसी के उस पार मबदो ला में ड्रैगन की हरकतों की वजह से तनाव कम होने के संकेत फिलहाल नहीं मिल रहे हैं। यही स्थिति देपसांग और दौलत बेग ओल्डी सेक्टर के पास भी बनी हुई है। लेकिन, राष्ट्रीय सुरक्षा की नीतियां तैयार करने वालों की चिंता अभी सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश से सटे इलाकों में पीएलए की ओर से इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाए जाने को लेकर है। उत्तर सिक्किम के नाकू ला के उसपर पीएलए की बढ़ी हुई गतिविधियां, उपकरणों को रखे जाने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण और बेहतर सड़क तैयार करने के सबूत मिले हैं। पिछले साल मई में ही पीएलए ने नाकू ला सेक्टर में भी घुसपैठ की कोशिश की थी, जिसको लेकर दोनों ओर के जवानों में भिड़ंत हुई थी। इस इलाके में चीन की वजह से 6 साल पहले भी तनाव के हालात पैदा हुए थे।

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एलएसी से नजर हटा नहीं रहा ड्रैगन

एलएसी से नजर हटा नहीं रहा ड्रैगन

चीन की खुराफात की वजह से जिस एक और इलाके को लेकर चिंता बढ़ी है, वह है अरुणाचल प्रदेश के अपर सुबनसिरी जिले के उसपार का इलाका। यहां पीएलए कम से कम तीन नए पुलों का निर्माण कर रहा है, 66 किलोमीटर लंबी सड़क बना रहा है और जवानों को रखने के लिए शेड खड़ा कर रहा है। एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, 'यह चिंता की बात है कि पैंगोंग झील खाली करने के बाद भी पीएलए एलएसी पर ही ध्यान लगाए हुए है। इसका मतलब साफ है कि भारतीय सेना को उत्तराखंड के सेंट्रल सेक्टर समेत जो सीमा निर्धारित नहीं है, उस सबपर लगातार निगरानी रखनी होगी। '

चीन के लिए हर रणनीति की तैयारी जरूरी

चीन के लिए हर रणनीति की तैयारी जरूरी

भारत और चीन के बड़े अधिकारियों के बीच लगातार बेहतर माहौल में बातचीत तो हो रही है, लेकिन भारतीय राजनयिकों और सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि भारत को आक्रामक और मित्र चीन, दोनों तरह से रणनीति तैयार करके रखनी पड़ेगी। हम किसी भी स्थिति को नजरअंदाज नहीं कर सकते। क्योंकि, हकीकत ये भी है कि चीन ना सिर्फ पहाड़ और समुद्री सीमाओं पर चालबाजियों में लगा हुआ है, बल्कि वह नेपाल, म्यामांर और बांग्लादेश में भी पर्दे के पीछे से भारत के खिलाफ खेल करना चाहता है और पाकिस्तान और श्रीलंका को कनेक्टिविटी के नाम पर उसने कर्ज के जाल में ऐसा उलझाया है कि वह उनका कभी भी इस्तेमाल करना का मंसूबा रखता है। (तस्वीरें-सांकेतिक और फाइल)

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English summary
India China:After Ladakh, China is engaged in strengthening infrastructure on Sikkim and Arunachal border
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