अरबपति बैंकर का बयान, भारत बन सकता है पूरी दुनिया का दफ्तर, लेकिन अपनाने होंगे ये उपाय
मुंबई। कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन की वजह से देश में एक निराशा का माहौल है। अर्थव्यवस्था बंद पड़ी है और हर कोई उम्मीद कर रहा है कि स्थितियां जल्द सामान्य हों। इस बीच अरबपति बैंकर और कोटक महिंद्रा बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर उदय कोटक ने कहा है कि भारत के पास काफी मौके हैं कि वह दुनियाभर का ऑफिस बन सकता है। उदय कोटक ने कहा है कि देश में कई प्रोफेशन ऐसे हैं जिनमें काफी टैलेंटेड लोग हैं। आज के समय में जब प्रतिद्वंदिता का समय है तो उन्हें मौका देकर भारत वर्ल्ड ऑफिस बन सकता है।
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चीन दुनिया की फैक्ट्री, भारत बन सकता है ऑफिस
उदय कोटक ने एक ट्वीट किया है और बताया है कि भारत किस तरह से अपने पास मौजूद मौकों को तरक्की में बदल सकता है। उन्होंने लिखा, 'चीन दुनिया की फैक्ट्री है, भारत इसका ऑफिस बन सकता है।' बैंकर उदय ने उन टेक्नोलॉजी कंपनियों का उदाहरण दिया है जो अमेरिका में टैलेंट को भारी सैलरी पर हायर करते हैं, जबकि भारत में बहुत कम कीमत पर उनका वह काम हो सकता है। उन्होंने लिखा, ' गूगल, अमेरिकी इंजीनियर्स को घर बैठकर काम करने के लिए दो लाख डॉलर क्यों दे, जब उसे इसी काम के लिए भारत में बहुत सस्ते में लोग मिल सकते हैं। इसी तरह का मामला फाइनेंस एनालिस्ट, मार्केटिंग, आर्किटेक्ट आदि के लिए भी है। नई दुनिया नए अवसर पैदा करती है।'
कोरोना के बाद के हालातों पर बात
उदय कोटक ने कोरोना वायरस महामारी के बाद के हालातों में भारत में आने वाले मौकों के बारे में भी बात की है। उन्होंने लिखा, 'नई दुनिया नए मौके पैदा करती है।' बैंकर उदय कोटक ने आगे लिखा, 'मैं नहीं मानता कि हमारे इंजीनियर किसी भी तरह से कमतर हैं। भारत विश्वस्तरीय मानव संसाधन पैदा कर सकता है। गूगल, माइक्रोसॉफ्ट और कई अन्य कंपनियों के सीईओ भारतीय हैं।' उदय कोटक की टिप्पणी इंडिया इंक के बीच उठती आवाजों के बीच आई है। इंडिया इंक और भारत सरकार कंपनियों को आकर्षित करने के लिए तुरंत कदम उठा रही हैं।
लक्जमबर्ग के बराबर जमीन कंपनियों के लिए रेडी
ऐसी कंपनियां जो चीन से बाहर निकलकर दूसरे देशों में उनके लिए मौजूद अनुकूल स्थितियों में अपना काम शुरू करने की तरफ देख रही हैं। भारत इस समय विदेशी कंपनियों को जगह देने के लिए 461,589 हेक्टेयर की जमीन तैयार कर रहा है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत लक्जमबर्ग के बराबर जमीन उन कंपनियों को देने की तैयारी कर चुका है जो चीन छोड़ रही है। इस लैंड पूल में 115,131 हेक्टेयर की इंडस्ट्रीयल लैंड भी शामिल है जो गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में है।
पीएम मोदी ने भी आत्मनिर्भरता की बात
हालांकि स्किल्ड टैंलेंट बेस की अगर बात करें तो साल 2019 के आईएमडी इंडेक्स में भारत की रैंकिंग 59 है। इसकी रैकिंग छह अंक नीचे आई और भारत से आगे अब मैक्सिको, ब्राजील, वेनेजुएला और मंगोलिया शामिल हैं। भारत में प्रदूषण, जीवनस्तर की खराब गुणवत्ता और अर्थव्यवस्था की निम्म प्राथमिकता जैसे कारकों का इस इंडेक्स में खासा असर पड़ा है। हाल ही में आई एक रिपोर्ट में कहा गया था कि कोरोना संकट की वजह से अमेरिकी टेक कंपनी ऐपल अपना करीब 20 प्रतिशत उत्पादन चीन से हटाकर भारत ले जाने की तैयारी कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में कहा था कि देश में मैन्युफैक्चरिंग और देश में बनी वस्तुओं के उपभोग को बढ़ावा देकर भारत को आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।