चीन के सरकारी मीडिया ने माना, भारत ने LAC में तैयार किया मजबूत ढांचा, सामने आईं तस्वीरें
नई
दिल्ली।
पूर्वी
लद्दाख
में
गलवान
घाटी
समेत
उन
तमाम
प्वाइंट्स
से
चीन
की
पीपुल्स
लिब्रेशन
आर्मी
(पीएलए)
के
जवानों
का
लौटना
जारी
है।
गलवान
घाटी
के
उस
हिस्से
से
भी
सेनाएं
लौट
चुकी
हैं
जहां
पर
15
जून
को
भारत
और
चीन
की
सेना
के
बीच
हिंसा
हुई
थी।
इन
तमाम
घटनाक्रमों
के
बीच
ही
चीन
के
सरकारी
चैनल
सीसीटीवी
ने
यह
बात
मान
ली
है
कि
भारत
की
तरफ
से
लाइन
ऑफ
एक्चुअल
कंट्रोल
(एलएसी)
पर
निर्माण
कार्यों
को
पूरा
किया
गया
है।
यह भी पढ़ें-गलवान घाटी छोड़ने के 97 दिनों के अंदर चीन ने बोला भारत पर हमला
6 जुलाई को रिलीज हुईं फोटोग्राफ
सीसीटीवी की तरफ से जो तस्वीरें आई हैं, उनमें नजर आ रहा है कि भारत ने एलएसी पर हैलीपैड से लेकर सड़क तक तैयार कर ली है। छह जुलाई को सीसीटीवी की तरफ से ये तस्वीरें जारी की गई हैं। चीनी सरकारी मीडिया की मानें तो अप्रैल माह से ही भारत की तरफ से गलवान घाटी में एलएसी पर सड़कें, पुल और हैलीपैड जैसी दूसरी सुविधाएं तैयार कर ली गई हैं। इस बीच सेना की तरफ से इस बात की जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गई है कि पीएलए की तरफ से टकराव वाले बिंदुओं से जवान लौटे हैं या नहीं। साथ ही हॉट स्प्रिंग्स एरिया और गोगरा पोस्ट पर दोनों सेनाएं करीब चार किलोमीटर तक का बफर जोन तैयार कर रही हैं। इस बफर जोन को 24 घंटे की समय सीमा के अंदर तैयार किया जाएगा। इंग्लिश डेली हिन्दुस्तान टाइम्स की तरफ से इस बात की जानकारी दी गई है।
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पीपी 15 भी से लौटे जवान
पीएलए ने पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 15 यानी हॉट स्प्रिंग्स एरिया से अपने जवानों को हटा लिया है। अब बुधवार शाम तक पीपी-17 यानी गोगरा पोस्ट से भी जवान हटा लिए जाएंगे। भारतीय सेना के जवानों को भी पीछे किया जा रहा है। 30 जून को दोनों देशों के बीच हुई कोर कमांडर स्तर की वार्ता में जिस निष्कर्ष पर कमांडर पहुंचे थे, यह पूरी प्रक्रिया उसके तहत ही पूरी हो रही है। सेना के सूत्रों की तरफ से सोमवार को जानकारी दी गई है कि चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) ने अपने टेंट्स, व्हीकल्स और जवानों को 1-2 किलोमीटर तक पीछे कर लिया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक गलवान घाटी में पेट्रोलिंग प्वाइंट (पीपी) 14 पर दोनों देशों के जवान 1.8 किलोमीटर तक पीछे गए हैं। यह वही जगह है जहां पर 15 जून को दोनों देशों की सेनाओं के बीच हिंसक झड़प हुई थी।
चीन ने सारा साजो-सामान हटाया
सेना सूत्रों की तरफ से बताया गया है कि आपसी रजामंदी पर डिसइंगेजमेंट पर दोनों सेनाएं 1 से 1.5 किलोमीटर दूर तक पीछे हट गई हैं। दोनों देशों के बीच अगले कुछ दिनों में एक और दौर कोर कमांडर वार्ता हो सकती है और यह वार्ता डिसइंगेजमेंट प्रक्रिया पूरी होने के बाद हो सकती है। इंडियन एक्सप्रेस ने सेना के सूत्रों के हवाले से लिखा है कि पीपी 14 पर चीन का मिलिट्री कैंप जिसे 15 जून की हिंसा के बाद फिर से तैयार कर लिया गया था, अब पूरी तरह से उसे हटा दिया गया है। साथ ही सभी टेंट्स भी हटा लिए गए हैं। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (पीएलए) के बाकी जवान और सारा साजो-सामान भी व्हीकल्स में भर कर वापस चला गया है।
गलवान घाटी में जल्द बहाल होगी पेट्रोलिंग
एक सीनियर ऑफिसर की तरफ से बताया गया है कि दोनों देशों की सेनाओं पीपी 14 से 1.8 किलोमीटर पीछे हटी हैं। बताया जा रहा है कि अभी दोनों तरफ से 30-30 जवान हर टेंट में मौजूद हैं। इसके बाद करीब एक किलोमीटर की दूरी पर दोनों देश हर टेंट में 50-50 सैनिक रखने पर राजी हुए हैं।कुछ और किलोमीटर दूर दोनों पक्ष भारी संख्या में जवान रखने पर राजी हुए हैं। सेना सूत्रों की मानें तो वैरिफिकेशन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बंकर्स से लेकर टेंट्स तक दोनों तरफ से सब हटा दिए गए हैं। पीपी 14 की दो किलोमीटर दूरी तक दोनों सेनाओं का एक भी सैनिक फिलहाल नहीं है। इसके अलावा जब तक दोनों पक्ष रजामंद नहीं होते तब तक पेट्रोलिंग भी नहीं होगी।