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पीएम मोदी बोले- न्‍यूक्लियर ग्रुप में एंट्री से भारत की परमाणु अप्रसार नीति पर लगी मुहर

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India becomes member of Australia group | वनइंडिया हिंदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत की ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में एंट्री के बाद बड़ा बयान देते हुए कहा कि भारत की इस प्रतिष्ठित परमाणु ग्रुप में सदस्यता इस बात को एक बार फिर से पुख्ता करती है कि भारत परमाणु हथियारों के प्रसार का साथ नहीं देता है। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट करके कहा कि पिछले दो वर्षों में भारत एमटीसीआर, वासेनार अरेंजमेंट व ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का सदस्य बना है, इससे एक बार फिर से इसकी पुष्टि होती है कि भारत वैश्विक शांति का समर्थक है और परमाणु हथियारों के प्रसार के खिलाफ है, हम दुनिया में शांति के अपने संकल्प को लेकर प्रतिबद्ध हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा शुक्रिया

प्रधानमंत्री ने कहा शुक्रिया

प्रधानमंत्री का यह बयान भारत के ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का सदस्य बनने के बाद आया है, जोकि परमाणु अप्रसार के लिए काफी अहम संस्था के रूप में दुनिया में जानी जाती है, यह संस्था जैविक और रासायनिक हथियारों के प्रसार के खिलाफ काम करती है। पीएम ने ट्वीट करके लिखा कि मैं ऑस्ट्रेलिया और ऑस्ट्रेलिया ग्रुप के अन्य देशों का शुक्रिया अदा करता हूं जिन्होंने इस ग्रुप में भारत की सदस्यता का समर्थन किया।

क्या है ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की महत्ता

क्या है ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की महत्ता

गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप को रासायनिक व जैविक हथियारों के निर्माण व प्रसार के खिलाफ काम करने वाली बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था के रूप में जाना जाता है, जिसकी भारत को शुक्रवार को सदस्यता मिली है। इससे पहले भारत को मिसाइल टेक्नोलोजी कंट्रोल रिजाइम व वासेनार अरेंजमेंट की सदस्यता मिली थी, जिसके बाद इस वर्ष भारत को इस बड़ी अंतर्राष्ट्रीय संस्था की सदस्यता मिली है। इस बड़ी सफलता के बाद न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में भारत की दावेदारी अब और मजबूत हो गई है। भारत के लिए यह सफलता इसलिए भी काफी अहम है क्योंकि पाकिस्तान और चीन लगातार भारत की न्यूक्लियर सप्लायर ग्रुप में सदस्यता का विरोध करते आए हैं और भारत की दावेदारी की राह में रोड़ा अटकाते रहते हैं।

चीन के विरोध को लगेगा धक्का

चीन के विरोध को लगेगा धक्का

चीन के विरोध के बीच जिस तरह से भारत को इस ग्रुप की सदस्यता मिली है उसके बाद भारत की एनएसजी में दावेदारी और भी मजबूत होगी। यहां गौर करने वाली बात यह है कि चीन ना तो एमटीसीआर और ना ही डब्ल्यूए व ना ही एजी का सदस्य है, ऐसे में जिस तरह से भारत को इन तीनों संस्था में स्थान मिला है उसने भारत की एनएसजी में सदस्यता के दावे को काफी मजबूत किया है। भारत के इस ग्रुप में शामिल होने के बाद ऑस्ट्रेलिया ग्रुप की वक्तव्य में कहा गया है कि 19 जनवरी 2018 को भारत आधिकारिक रूप से ऑस्ट्रेलिया ग्रुप का 43वां सदस्य बन गया है, इस ग्रुप में देश स्वयं रासायनिक व जैविक हथियारों के बढ़ावे के खिलाफ काम करते हैं।

भारत निभाएगा अपनी अहम भूमिका

भारत निभाएगा अपनी अहम भूमिका

वहीं भारत की ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में सदस्यता के बाद भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी करके कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप ने आपसी सहमति से भारत को 43 वें सदस्य के रूप में शामिल करने का फैसला लिया है। भारत की ऑस्ट्रेलिया ग्रुप के सदस्य बनने के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि इससे सभी देश आपस में जैविक व रासायनिक हथियारों के विस्तार के खिलाफ मिलकर काम करेंगे, जिसका सभी देशों को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रेलिया ग्रुप में भारत की एंट्री के बाद भारत अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह के हथियारों के विस्तार के खिलाफ अपना योगदान और भी मजबूती से देगा।

इसे भी पढ़ें- भारत ने UN में पाकिस्तान को लताड़ा, कहा- आतंकवाद पर अपना 0माइंडसेट बदलें

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English summary
India becomes member of Australia group PM says it reaffirms our stand on non-proliferation commitments. India has get this big success on 19 Jan.
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