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समय से लॉकडाउन न किया होता तो कोरोना से होती 68,000 मौतें, 29लाख संक्रमित

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नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले 1 लाख का आंकड़ा पार कर चुके हैं। नीति आयोग के सदस्य व सशक्त समूह-1 के चेयरमैन वीके पॉल ने राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के समयबद्ध कार्यान्वयन की सराहना है। उन्होंने कहा कि, अगर देश में लॉकडाउन नहीं होता तो 37,000-78,000 मौतें हो सकती थीं और 14-29 लाख मामले हो सकते थे। लॉकडाउन की वजह से केंद्र सरकार बहुत सी जानों को बचाने में कामयाब रही है।

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Lockdown नहीं होता तो 29 Lakh से ज्यादा को होता Coronavirus, 78 हजार की जाती जान | वनइंडिया हिंदी
अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो 29 लाख लोग होते संक्रमित

अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो 29 लाख लोग होते संक्रमित

वीके पॉल के मुताबिक अगर लॉकडाउन नहीं होता, तो देश में संक्रमित लोगों की संख्या 29 लाख तक पहुंच सकती थी। जबकि 37 से 78 हजार लोगों की मौत हो जाती। जब देश में लॉकडाउन शुरू हुआ था तो संक्रमण का डबलिंग रेट 3.4 दिन था। मतलब हर 3.4 दिन में संक्रमितों की संख्या दोगुनी हो रही थी लेकिन आज यह 13.3 दिन हो गया है। संक्रमण को फैलने से रोकने में लॉकडाउन ने काफी मदद की। 3 अप्रैल तक नए केस का ग्रोथ रेट 22.6% था, लेकिन इसके बाद इसमें कमी आना शुरू हुई। आज ग्रोथ रेट घटकर 5.5% हो गया है। यह राहत की बात है।

80% मामले केवल 5 राज्यों में

80% मामले केवल 5 राज्यों में

वीके पॉल ने कहा कि, लॉकडाउन लगाने के कारण देश में 3 अप्रैल के बाद से कोविड 19 संक्रमण के मामलों की वृद्धि दर में गिरावट दर्ज की गई है। लॉकडाउन के कारण देश में कोरोना वायरस के मामले उतनी तेजी से नहीं बढ़ पाए, जितना लॉकडाउन ना होने से बढ़ते। पॉल ने बताया कि इतना बड़ा देश होने के बावजूद संक्रमण कुछ स्थानों तक सिमटकर रह गया। संक्रमण के कुल मामलों में 80% केवल 5 राज्यों(महाराष्ट्र, गुजरात, तमिलनाडु, दिल्ली और मध्य प्रदेश) से हैं। इनमें भी 60% मामले 5 शहरों तक सिमटे हुए हैं।

70% मामले केवल 10 शहरों में

70% मामले केवल 10 शहरों में

वीके पॉल ने कहा कि, इसी तरह अगर हम 90% मामलों का आंकलन करते हैं तो ये देश के 10 राज्यों से आए हैं। चेयरमैन ने यह भी पुष्टि की कि इनमें भी 70% मामले केवल 10 शहरों - मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, इंदौर, कोलकाता, हैदराबाद और औरंगाबाद में दर्ज किए गए हैं। वीके पॉल ने कहा कि भारत ने कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन का फैसला बहुत समय पर लिया गया। कई देशों ने देर से फैसला किया तो उन्हें नुकसान उठाना पड़ा।

अब हर दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट

अब हर दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट

वीके पॉल ने दवा और चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन के बारे में बात करते हुए कहा, "डायग्नोस्टिक किट का निर्माण शुरू हो गया है। हमारी स्वदेशी क्षमता अगले 6-8 सप्ताह में रोजाना 5 लाख किट का निर्माण की होगी। आईसीएमआर कम से कम 5 कंपनियों व 4 से 6 वैज्ञानिकों के साथ मिलकर वैक्सीन तैयार करने में जुटी हुई है। वहीं आईसीएमआर के डॉक्टर रमन आर गंगाखेड़कर ने प्रतिदिन हो रही टेस्टिंग की जानकारी दी। पिछले 24 घंटे में 1,03,829 टेस्ट किए गए। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को लगातार चौथे दिन एक लाख से ज्यादा टेस्ट किए गए। शुक्रवार दोपहर एक बजे तक देश में 27,55,714 टेस्ट किए जा चुके हैं। इनमें से 18,287 टेस्ट निजी लैब में किए गए।

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English summary
India avoided over 29 lakh COVID-19 cases, 68,000 deaths due to nationwide lockdown implementation
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