क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

एशिया की चौथी महाशक्ति भारत, कोरोना के चलते चीन से इतना पीछे जा सकता है

Google Oneindia News

नई दिल्ली- अमेरिका ने कोरोना महामारी से जिस ढंग से निपटा है, उससे उसकी वैश्विक महाशक्ति वाली छवि पर असर तो पड़ा ही है, एशिया-प्रशांत क्षेत्र की भी सबसे प्रभावी महाशक्ति के नाते भी उसकी साख पर बट्टा लगा है। ऑस्ट्रेलिया की एक संस्था ने कोरोना वायरस की वजह से क्षेत्र में पैदा हुए हालातों को लेकर जो एक स्टडी की है, उसके मुताबिक अमेरिका अभी भी एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली आर्थिक शक्ति बना हुआ है। लेकिन, 2 साल पहले वह जहां इस क्षेत्र में चीन से 10 अंकों के फासले के साथ ऊपर था, वहीं अब यह गैप सिर्फ आधा रह गया है। कुल 26 देशों की इस रैंकिंग में भारत के लिए और भी बड़ा झटके की बात सामने आई है। यूं तो भारत इस क्षेत्र की चौथी प्रभावी अर्थव्यवस्था है, लेकिन जिस तरह से उसने पिछले कुछ वर्षों में चीन को टक्कर देना शुरू किया था, उसकी रफ्तार में अब भारी गिरावट आने की आशंका है।

India, Asias fourth superpower, can lag behind China due to Coronavirus

Recommended Video

Coronavirus और Economy को लेकर Rahul Gandhi का Modi सरकार पर हमला | वनइंडिया हिंदी

सिडनी स्थित लोई इंस्टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्स फॉर 2020 की एक स्टडी में 26 देशों की रैंकिंग दी गई है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में कहा गया है इसके स्टडी रिसर्च चीफ और डायरेक्टर हर्वे लेमाहियु के मुताबिक महामारी से निपटने में ढीले रवैए, कई तरह के व्यापार विवादों और अमेरिकी राष्ट्रपति के कई रह के करारों से पीछे हटने के फैसले के चलते अमेरिका की प्रतिष्ठा घटी है। उन्होंने एक फोन इंटरव्य में कहा है कि, 'महामारी एक गेम चेंजर था।' उनका कहना है कि इसके चलते अमेरिका को दोहरा झटका लगा है। एक तो उसकी प्रतिष्ठा घटी है और दूसरा इसके कारण उसे जितना आर्थिक नुकसान हुआ है, उससे उबरने में उसे कई साल लग सकते हैं।

उनका अनुमान है कि कोरोना से पहले की स्थिति में अमेरिका की अर्थव्यवस्था पहुंचने में 2024 तक का भी वक्त लग सकता है। इसके ठीक उलट चीन की अर्थव्यवस्था वायरस के असर से उबरने लगी है और यह विश्व की एकमात्र बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसके 2020 में संकट से उबरने की संभावना है। सिर्फ अमेरिका ही नहीं, इसके चलते चीन का अपने पड़ोसियों पर भी अगले दशक भर का लाभ मिलने की संभावना है। वुहान से संक्रमण की शुरुआत होने और कई तरह के कूटनीतिक उलझनों के बावजूद चीन लगातार तीसरे साल दूसरे स्थान पर बना हुआ है। बल्कि, इसने तो खुद को और आक्रामक बना दिया है। वैसे लेमाहियु का कहना है इसके बावजूद अमेरिका के पहले नंबर पर अभी बने रहने के आसार हैं और दशक के अंत में चीन पहले स्थान पर पहुंच भी जाता है, तब भी वह उससे ज्यादा आगे नहीं बढ़ सकता। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि अगर अमेरिका में ट्रंप दोबारा जीतते हैं तो एशिया को अमेरिका के बिना ही हालात से निपटना सीखना होगा। लेकिन, बाइडेन को लेकर उन्होंने सकारात्मक संकेत दिए हैं।

India, Asias fourth superpower, can lag behind China due to Coronavirus

लोई इंस्टीट्यूट एशिया पावर इंडेक्स फॉर 2020 में भारत को चौथा सबसे प्रभावी एशियाई आर्थिक ताकत बताया गया है। लेकिन, स्टडी के मुताबिक कोरोना महामारी के चलते इसने अपनी आर्थिक विकास की क्षमता को खो दिया है और चीन की तुलना में इसकी रणनीतिक जमीन कमजोर पड़ गई है। लोई ने अनुमान जताया है कि 2030 तक भारत चीन के इकोनॉमिक आउटपुट के 40% तक ही पहुंच सकेगा। जबकि, पिछले साल के अनुमान में इसके 50% तक को छूने का अनुमान जाहिर किया गया था। लेमाहियु कहते हैं कि 'निश्चित तौर पर इससे क्षेत्र की महाशक्ति बनने की भारत की यात्रा में अब देरी हो चुकी है।' यही नहीं इसका अर्थ ये भी है कि महामारी के चलते एशिया-प्रशांत क्षेत्र में गरीबी रेखा के नीचे आने वालों का जो दायरा बढ़ने की आशंका है, उससे भारत की चुनौती और मुश्किल हो सकती है। संयुक्त राष्ट्र के यूनिवर्सिटी वर्ल्ड इंस्टीट्यूट फॉर डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स रिसर्च के मुताबिक महामारी के कारण एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 34.74 करोड़ लोग 5.5 डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा के नीचे जा सकते हैं।

हालांकि, इस रिपोर्ट में जापान को एक स्मार्ट पावर बताया गया है, जो कि अपने सीमित संसाधनों से डिफेंस डिप्लोमेसी के जरिए क्षेत्र में काफी प्रभावशाली बन चुका है। हथियार बिक्री के क्षेत्र में इसने दक्षिण कोरिया को पीछे छोड़ दिया है। लिस्ट में रूस, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, थाइलैंड और मलेशिया भी टॉप 10 में हैं, जिन्होंने अपने हिसाब से वायरस पर नियंत्रण रखने में सीमित संसाधनों के बाद भी काफी हद तक सफलता पाई है।

कुल मिलाकर यह रिपोर्ट ये बताने के लिए काफी है कि जिस एशियाई अर्थव्यवस्था के 2020 में बाकी पूरे विश्व की अर्थव्यस्था से ज्यादा बड़ी अर्थव्यस्था बनने की संभावना थी, वह कोरोना महामारी के चलते आर्थिक चुनौतियों, जन स्वास्थ्य और दूसरी मुश्किलों का सामना करने को मजूबर हो चुका है।

इसे भी पढ़ें- कोरोना महामारी से तेजी से उबर रही चीन की अर्थव्यवस्था, तीसरी तिमाही में GDP हुई 4.9%इसे भी पढ़ें- कोरोना महामारी से तेजी से उबर रही चीन की अर्थव्यवस्था, तीसरी तिमाही में GDP हुई 4.9%

Comments
English summary
India, Asia's fourth superpower, can lag behind China due to Coronavirus
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X