कश्मीर में आतंकियों को बिना हथियारों के जवाब दे रही सेना की सुपर-40
नई दिल्ली। 11 जून को आईआईटी-जेइई के मुख्य परीक्षा के नतीजे आ गए हैं और इन नतीजों में इस बार इंडियन आर्मी को बड़ी सफलता हाथ लगी है। जो लोग कश्मीर में तैनात सेना की आलोचना में लगे हैं उनके लिए शायद यह खबर हताश करने वाली हो सकती है। कश्मीर में सेना की मदद से कश्मीर के 28 छात्रों ने आईआईटी-जेईई की परीक्षा पास की है।
सेना को मिली अब तक की बड़ी सफलता
सेना कश्मीर में यहां के स्थानीय छात्र-छात्राओं के लिए सुपर-40 कोचिंग का संचालन करती है। इस कोचिंग के आईआईटी की तैयारियों में लगे 26 छात्रों और दो छात्राओं ने आईआईटी की परीक्षा पास की है। मंगलवार को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने इन सफल छात्र-छात्राओं से मुलाकात की। वहीं नौ छात्रों ने आईआईटी के एडवांस्ड एग्जाम में भी सफलता हासिल की। सेना की ओर से श्रीनगर में कोचिंग चलाई जाती है। यह कोचिंग केंद्र के सेंट्रल फॉर सोशल रेस्पांसबिलिटी एंड लर्निंग यानी सीएसआरएल का हिस्सा है। सेना की ओर से जो कोचिंग सुपर-40 चलाई जा रही है, उसका यह पहला बैच था। इसमें कश्मीर की पांच लड़कियों को भी कोचिंग दी गई थी। इनमें से दो लड़कियों ने परीक्षा में सफलता हासिल की है। यह कोचिंग वर्ष 2013 से चल रही है लेकिन चार वर्षों में यह पहला मौका है जब इसे इतने बड़े स्तर पर सफलता मिली है। गौरतलब है कि यह सफलता सेना को तब मिली है जब पिछले वर्ष हिजबुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में अशांति और कर्फ्यू का माहौल रहा था।
अब होगी 50 बच्चों की भर्ती
सेना घाटी में कई तरह के गुडविल स्कूलों का भी संचालन करती है। राज्य में शिक्षा को बढ़ाने और यहां के युवाओं रोजगार मुहैया कराने के मकसद से सेना गुडविल स्कूल और इस तरह के कई प्रयासों को आगे बढ़ा रही है। मई में कश्मीर घाटी में आतंकियों ने लेफ्टिनेंट उमर फैयाज की हत्या कर दी थी। लेफ्टिनेंट फैयाज सेना के गुडविल स्कूल से ही पढ़े थे। इस कोचिंग में नौ बच्चे दक्षिण कश्मीर, 10 उत्तर कश्मीर, 7 कारगिल/लद्दाख और 2 जम्मू क्षेत्र से हैं। इस प्रमुख योजना के तहत आर्मी द्वारा अप्रैल से मई के बीच पूरे राज्य में अलग-अलग कॉलेजों प्रवेश परीक्षा और इंटरव्यू के जरिए बच्चे चुने जाते हैं। उन्हें फ्री कोचिंग और रहने को घर दिया जाता है। इसका पूरा खर्च पेट्रोनेट एलएनजी की सीएसआर पहल के तहत उठाया जाता है। इस नई सफलता को देखते हुए आर्मी के इस कोचिंग प्रोग्राम में अब 50 बच्चों को भर्ती किया जाएगा। इसमें पांच लड़कियां भी शामिल होंगी।