लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर इजरायल के राजदूत ने दिया बड़ा बयान
नई दिल्ली। अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा कि देश पर अगले पांच वर्षों तक कौन शासन करेगा। लोकसभा चुनाव 2019 अपने चरम पर हैं और पांच चरण का मतदान पूरा हो चुका है। पूरी दुनिया की नजरें इन चुनावों पर हैं। इस बीच ही इजरायल के राजदूत ने नई दिल्ली के साथ संबंधों पर एक अहम बयान दिया है। भारत और इजरायल के संबंध पिछले पांच वर्षों में और मजबूत हुए हैं और इजरायली राजदूत का यह नया बयान संबंधों को बयां करने के लिए काफी है।
नई सरकार ने संबंधों पर नहीं पड़ेगा असर
इजरायली राजदूत डॉक्टर रॉन मल्का ने कहा है भारत में नई सरकार दोनों देशों के संबंधों पर कोई असर नहीं डालेगी। डॉक्टर मल्का ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में कहा, 'भारत और इजरायल के बीच संबंध दो व्यक्तियों के बीच संबंध नहीं हैं, बल्कि दो देशों के बीच संबंध हैं। ऐसे में इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में कौन है। दो व्यक्तियों के बीच कैसे संबंध हैं या पार्टियों के बीच क्या केमेस्ट्री है, इससे मदद मिलती है लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि सत्ता में कौन है।' उन्होंने आगे कहा, 'भारत और इजरायल के संबंध हमेशा आगे बढ़ते रहेंगे और मजबूत हाते रहेंगे, इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ेगा कि कौन सी पार्टी सत्ता में है।'
आतंकवाद पूरी दुनिया का मसला है
जब उनसे पूछा गया कि इजरायल ने काउंटर-टेररिज्म में भारत की मदद कैसे कि क्योंकि हाल ही में जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को यूनाइटेड नेशंस ने ग्लोबल आतंकी घोषित किया है, इस पर भी उन्होंने सधा हुआ जवाब दिया। डॉक्टर मल्का ने कहा, ' यह सिर्फ भारत और इजरायल से जुड़े आतंकवाद का मसला नहीं है। मुझे लगता है कि दुनिया को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में संगठित होना चाहिए। भारत और इजरायल दोनों ही अच्छे दोस्त हैं और दोस्त होने के नाते, हम हमेशा एक दूसरे को सपोर्ट करते रहेंगे।'
भारत आने को बेकरार नेतन्याहू
14
फरवरी
को
जब
पुलवामा
में
आतंकी
हमला
हुआ
था
और
सीआरपीएफ
के
40
जवान
शहीद
हो
गए
थे,
तो
इजरायल
ने
सबसे
पहले
भारत
की
तरफ
मदद
का
हाथ
बढ़ाया
था।
हाल
ही
में
इजरायल
में
भी
चुनाव
हुए
हैं।
यहां
पर
एक
बार
फिर
प्रधानमंत्री
बेंजामिन
नेतन्याहू
के
हाथ
में
देश
की
बागडोर
अगले
पांच
वर्षों
के
लिए
आई
है।
नेतन्याहू
जल्द
ही
एक
और
दौरे
पर
भारत
आने
की
तैयारी
कर
रहे
हैं।
मल्का
ने
इस
पर
कहा,
'प्रधानमंत्री
भारत
आना
चाहते
हैं।
वह
पहले
आना
चाहते
थे
लेकिन
ऐसा
नहीं
हो
पाया
और
वह
जरूर
फिर
से
दौरा
करेंगे।
हालांकि
उनके
दौरे
की
तारीखों
पर
कोई
फैसला
नहीं
हो
सका
है।'
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