पर्यावरण संरक्षण के लिए एक मंच पर आए भारत और फिनलैंड, MOU पर किया हस्ताक्षर
नई दिल्ली। धरती पर बढ़ते प्रदूषण और क्लाइमेट चेंज से दुनियाभर में आपदाओं की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने शुरू से ही विश्व के समक्ष क्लाइमेट चेंज का मुद्दा उठाया है, पीएम मोदी सार्वजनिक मंच से कई बार दुनिया को प्रकृति के प्रति अपनी जिम्मेदारी का एहसास दिला चुके हैं। इसी क्रम में आज (26 नवंबर, 2020) भारत और फिनलैंड ने पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता संरक्षण के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किया। पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने इस बात की जानकारी दी है।
बता दें कि भारत सरकार ने भूविज्ञान और खनिज संसाधनों के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और फिनलैंड के बीच समझौता ज्ञापन (एमओयू) को दो महीने पहले सितंबर, 2020 में ही मंजूरी दे दी थी। इसी क्रम में आज दोनों देशों के बीच एमओयू पर सहमति बनी और भारत-फिनलैंड ने एक मंच पर आते हुए एमओयू पर हस्ताक्षर किया। समझौता ज्ञापन पर सहमति बनने के बाद अब दोनों देश पर्यावरण को बचाने के लिए एक दूसरे का सहयोग करेंगे।
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बताया कि एमओयू, भारतीय और फिनलैंड के बीच साझेदारी और समर्थन को आगे बढ़ाने का एक मंच है। इसके माध्यम से दोनों देश वायु और जल प्रदूषण की रोकथाम जैसे क्षेत्रों में उच्च साधनों और रणनीति का आदन प्रदान करेंगे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक यह समझौता भूविज्ञान, प्रशिक्षण, खनिज पूर्वानुमान, भूकंपीय और अन्य भूभौतिकीय सर्वेक्षणों के लिए भारत और फिनलैंड के बीच वैज्ञानिक सहयोग को मजबूत बनाएगा। इस एमओयू का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण के लिए भूवैज्ञानिक आंकड़ा प्रबंधन और सूचना प्रसार पर अनुभव साझा करने के लिए परस्पर सहयोग को बढ़ावा देने को लेकर नियम और मंच उपलब्ध कराना है।
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