लद्दाख विवाद: भारत-चीन गोगरा हाइट्स से सेना हटाने पर हुए राजी, कई इलाकों पर अभी भी विवाद
नई दिल्ली, अगस्त 03: भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में लबें समय से चल रहा विवाद अब समाप्त होता दिख रहा है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक, लगभग छह महीने तक चली सीमा वार्ता में दोनों देश गतिरोध समाप्त करने पर राजी हो गए हैं। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख में एक प्रमुख गश्ती बिंदु पर सैद्धांतिक रूप से सहमत हुए हैं। भारत और चीन पूर्वी लद्दाख के गोगरा हाइट्स क्षेत्र से अपनी सेना हटाने पर राजी हो गए हैं।
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PP17A पर समझौता कोर कमांडर स्तर की 12वें दौर की वार्ता के दौरान शनिवार को हुआ। ये बैठक लद्दाख में 15 महीने के गतिरोध को हल करने के उपायों की एक श्रृंखला का हिस्सा थी। इसे चुशुल-मोल्डो सीमा के भारतीय हिस्से में आयोजित की गया था। सूत्रों ने कहा कि चीन PP17A से पीछे हटने के लिए सहमत हो गया है, जिसे गोगरा पोस्ट के रूप में भी जाना जाता है, लेकिन PP15 या हॉट स्प्रिंग्स क्षेत्र से वापस जाने के लिए तैयार नहीं हुई है।
सूत्रों ने कहा कि प्रस्ताव सरकार के पास हैं और सैनिकों की आवाजाही कैसे होगी? इस पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि अगले दो दिनों में मूवमेंट शुरू होने की उम्मीद है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि देपसांग और देमचोक इलाके में चार्डिंग-निंगलुंग नल्लाह में चीन के घुस आने पर चर्चा नहीं हुई थी। हालांकि, 12वें दौर की बैठक में PP17A पर सहमति बनने को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि महीनों से गतिरोध बना हुआ था।
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देपसांग में चीनी सेना भारत को उसके पारंपरिक पेट्रोलिंग प्वाइंट PP10, PP11, PP11A, PP12 और PP13 तक जाने से रोक रही है। एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि देमचोक में 'कथित नागरिकों' ने चार्डिंग नल्लाह में भारतीय तरफ टेंट लगा लिए हैं। सोमवार को जारी एक सेना की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने सीमा विवाद पर गहराई से बातचीत की। इसमें सैनिकों की वापसी पर बात हुई और इस दौरान आपसी समझ को बढ़ाने में मदद मिली। हॉट स्प्रिंग और गोगरा के मुद्दे पर दोनों पक्ष अगले दौर में और विस्तृत बातचीत करेंगे।
बयान के मुताबिक, दोनों पक्षों ने बैठक के इस दौर को रचनात्मक करार दिया जिसने पारस्परिक समझ को और बढ़ाया। वे बाकी बचे मुद्दों को वर्तमान समझौतों और प्रोटोकॉल के अनुसार त्वरित आधार पर हल करने को लेकर सहमत हुए। साथ ही बातचीत व वार्ता की गति बरकरार रखने पर भी सहमति जताई गई। इसके मुताबिक, दोनों पक्ष एलएसी पर स्थिरता सुनिश्चित करने के प्रभावी प्रयासों को जारी रखने को लेकर भी सहमत हुए।