व्हाट्स ऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया पर टैक्स लगाने पर इस शहर में मची तबाही
बेंगलुरु। आज के दौर में सोशल मीडिया के जरिए ही अब दुनिया की सभी जानकारियां और जरूरत की हर चीज सिर्फ एक क्लिक की दूरी पर है। सोचिए कि भारत सरकार सोशल मीडिया पर टैक्स लगा दे तो हालत क्या होगी। फिलहाल भारत सरकार का जल्द कोई इरादा नजर नहीं आ रहा है हालांकि इंटरनेट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म का इस्तेमाल कर भड़काऊ बयान, फर्जी खबरें और गैरकानूनी व राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में भारी इजाफा हुआ है जिसको लेकर सरकार जल्द कोई सख्त कदम उठा सकती हैं। लेकिन हाल ही जो लेबनान की सरकार द्वारा सोशल मीडिया के व्हाट्स ऐप और फेसबुक पर लगाए गए टैक्स के बाद जो वहां के लोगों ने किया वह इस बात का प्रमाण है कि लोग सोशल मीडिया के इस कदर गुलाम हो चुके हैं कि इस पर लगाम लगी तो वह आपा खो कर कोई भी कदम उठा सकते हैं ? चाहे भले ही उससे उन्हें जान क्यों न गंवानी पड़े। स्मार्ट मोबाइल फोन लेकर दिन भर सोशल मीडिया पर लगे रहने वाले लोगों के लिए ये खबर बेहद अहम है।
पहले बता दें में दो दिन पूर्व लेबनान सरकार ने व्हाट्स ऐप और फेसबुक जैसे सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर टैक्स लगाए जाने से पूरे शहर में लोग हिंसक विरोध-प्रदर्शन पर उतर आए। इसके तहत सोशल मीडिया ऐप के जरिए फोन कॉल करने पर टैक्स लागू किया गया था। लेबनान सरकार ने ये फैसला देश के आर्थिक संकट से निपटने के लिए लिया था, जो जनता को रास नहीं आया। सरकार ने ऐप बेस्ट कॉलिंग पर प्रतिदिन 0.20 डॉलर (भारतीय मुद्रा में 14.16 रुपये) का टैक्स लगा दिया था। लेबनान की राजधानी बेरूत में हिंसक प्रदर्शन की वजह से पूरा लेबनान पिछले कई दिनों से जल रहा है। गुस्से का आलम ये है कि सरकार द्वारा प्रतिबंध वापस लेने के बावजूद लोगों का गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है। गुस्साए लोगों ने पूरे शहर का ट्रैफिक जाम कर दिया।
सड़कों पर टायर और फर्नीचर जलाने लगे। कई जगहों पर लोगों की सुरक्षाबलों से सीधी झड़प हो गई। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षाबलों को बल प्रयोग और आंसू गैस तक का इस्तेमाल करना पड़ा था। इसे देखते हुए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने लेबनान में रह रहे अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है। लोगों ने गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया है और सड़कों पर टायर भी जलाए गए हैं। इस घटना में दो लोगों की मौत भी हो गई है, वहीं 40 सुरक्षाकर्मियों के घायल होने की खबर है। साथ ही एयरपोर्ट पर भी प्रदर्शनकारियों ने कई यात्रियों से मारपीट की। वहीं ज्यादातर लोगों का कहना है कि वह घर में बैठे थे और लोगों को प्रदर्शन के लिए घरों से निकलता देख, वह भी उनका साथ देने के लिए बाहर निकल आए। हालांकि माना जा रहा कि आर्थिक संकट और सोशल मीडिया पर टैक्स के अलावा सरकार के प्रति लोगों की नाराजगी की एक और वजह है। वह वजह है जंगलों में लगी भयानक आग। लोगों को लगता है कि सरकार ने जंगलों की भीषण आग को बुझाने के लिए ठोस प्रयास नहीं किये।
युगांडा में पहले से ही लिया जा रहा टैक्स
गौर करने वाली बात ये है कि युगांडा की संसद ने पिछले साल सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वालों पर टैक्स लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है। इस कानून के तहत जो लोग भी फेसबुक, व्हॉट्सऐप, वाइबर और ट्विटर जैसे सोशल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करेंगे, उन्हें हर दिन के हिसाब से करीब तीन रुपये 36 पैसे देने होंगे। राष्ट्रपति योवेरी मुसेवनी ने इस कानून का समर्थन करते हुए कहा कि यह कानून इसलिए लागू किया जा रहा है ताकि सोशल मीडिया पर अफवाहों को रोका जा सके।
भारत में फेसबुक के 11.2 करोड़ यूजर्स
देश में इंटरनेट के बढ़ते प्रसार और युवाओं की बड़ी आबादी के बल पर विश्व की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने भारत में अपना तेजी से विस्तार किया है और देश में इंटरनेट के बढ़ते प्रसार और युवाओं की बड़ी आबादी के बल पर विश्व की सबसे बड़ी सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक ने भारत में अपना तेजी से विस्तार किया है और अब देश में उसके 11.2 करोड़ यूजर्स हैं, जो अमेरिका के बाद सबसे ज्यादा हैं। इस साल अप्रैल में भारत में फेसबुक के 10 करोड़ यूजर्स थे और सितंबर के अंत तक मासिक सक्रिय यूजर्स की संख्या बढ़कर 11.2 करोड़ पहुंच गई है, वहीं दैनिक सक्रिय उपयोक्ताओं की संख्या भारत में 5.2 करोड़ है।वैश्विक स्तर पर कंपनी के 1.35 अरब उपयोक्ता हैं, जबकि दैनिक सक्रिय उपयोक्ता 86.4 करोड़ हैं।
भारत में इंटरनेट यूजर की संख्या
भारत में भी अन्य देशों के मुकाबले सबसे ज्यादा इंटरनेट यूजर्स हैं। भारत में इंटरनेट सब्सक्राइबर्स की संख्या 63 करोड़ से भी अधिक इंटरनेट यूजर हैं।
व्हाट्स ऐप के भारत में 40 करोड़ से अधिक यूजर
फेसबुक
व
इंस्टाग्राम
के
सहयोगी
और
दुनियांभर
में
अग्रणी
मैसेजिंग
एप्प
WhatsApp
के
भारत
में
यूजर
की
संख्या
चालीस
करोड़
का
आंकड़ा
पार
चुकी
है।
जानकारी
के
अनुसार
किसी
भी
देश
की
तुलना
में
इसके
सबसे
ज्यादा
यूजर
भारत
में
ही
हैं।
माना
जाता
है
कि,
यूजर
की
इतनी
बड़ी
संख्या
किसी
भी
अन्य
एप्प
के
पास
नहीं
है।
इसका
खुलासा
पिछले
दिनों
व्हॉट्सऐप
ने
भी
बताया
है
कि
उसके
सबसे
बड़े
बाज़ार
भारत
में
मासिक
ऐक्टिव
यूज़र्स
की
संख्या
40
करोड़
से
अधिक
है,
जो
पिछले
दो
वर्षों
की
तुलना
में
100%
से
ज़्यादा
है।
गौर
करने
वाली
बात
ये
हैं
कि
दुनियाभर
में
व्हॉट्सऐप
के
मासिक
ऐक्टिव
यूज़र्स
की
संख्या
तकरीबन
1.5
अरब
है।
जानिए सोशल मीडिया कैसे बन जाती है लत
कुछ भी ज्यादा होना अच्छा नहीं है हालांकि यह फायदेमंद हो सकता है, यही सोशल मीडिया साइटों के साथ भी लागू होता है। इसने दुनिया को एक छोटी सी जगह बना दी, जिससे दूरी के बावजूद लोगों के बीच बेहतर संचार हुआ, यह हमें अन्य संस्कृतियों के करीब लाया, हमने उनके बारे में सीखना शुरू किया लेकिन इसने एक नई समस्या को जन्म दिया जो सोशल मीडिया के लिए एक लत है। सोशल मीडिया के आदी होने वाले लोगों के पीछे मुख्य कारण जटिल है क्योंकि यह किसी व्यक्ति की जीवनशैली पर निर्भर करता है, हर बार जब हम कुछ पोस्ट करते हैं तो महसूस करने वाले अच्छे रसायन निकलते हैं जिससे हम अच्छा महसूस करते हैं। कुछ सामान्य कारण निम्न को संकुचित (narrowed)कर सकते हैं।
आपने ध्यान दिया है हर बार जब हम कुछ पोस्ट करते हैं तो महसूस करने वाले अच्छे रसायन निकलते हैं जिससे हम अच्छा महसूस करते हैं यह हमें स्वीकृति की भावना देता है, क्योंकि ऐसे लोग इस विशेष क्षण की खुशी या इस पर निर्भर करते हैं कि लोग इसे पसंद करते हैं या नहीं। वह जो आत्मविश्वास हीं रखता है या लगातार दूसरों के बारे में सोचता है कि और उसके बारे में क्या सोचता है ऐसे लोग सोशल मीडिया से ज़ादा एडिक्टेड होते है कि सोशल मीडिया उन्हें किसी के सामने बात किए बिना बोलने या व्यक्त करने का मौका देता
सोशल मीडिया लत के कुछ शारीरिक लक्षण
सोशल मीडिया लत आजकल एक लोकप्रिय और अनूठी बीमारी है लेकिन कुछ सामान्य लक्षणों का निदान किया जा सकता है। किसी भी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पर सोशल मीडिया का अनुभव करते समय उत्साहित महसूस करना।उस भावना में इतनी गड़बड़ी होने के कारण व्यक्ति उस समय चेतना को खो देता है। इस लत के लक्षण - धुंधली दृष्टि हैं, उचित नींद नहीं लेना और सिरदर्द, सोशल मीडिया से कनेक्ट होने या पहुंचने योग्य नहीं होने पर चिंतित महसूस करना। प्रति दिन गतिविधि के बारे में अपडेट करने अनिवार्य आवश्यकता समझना। ऐसे लोग जब भी लोगों के समूह के साथ होते है तो भी अकेले रहना पसंद करते हैं। बलपूर्वक सोशल मीडिया से कटौती करते समय क्रोध करना।
लत से होने वाली समस्या
हाल ही में किए गए अध्ययन में यह सुझाव दिया गया है कि जिन लोगों ने सोशल मीडिया नशे की लत की है, उनमें से हृदय गति या असामान्य रक्तचाप का अनुभव हो सकता है। यदि वे एक संकीर्ण ब्रैकेट के लिए इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूर रहते हैं या तकनीकी रूप से 'ऑफ़लाइन जाते हैं'। इस विशिष्ट लत में वापसी के लक्षण आमतौर पर गैर-जीवन खतरनाक होते हैं और नशे की लत चिंता स्तर में वृद्धि का अनुभव कर सकती है। कुछ मामलों में प्रतिकृति भी हार्मोन के स्तर में असंतुलन की ओर ले जाती है जबकि अंतिम लक्षण एक कम प्रतिरक्षा प्रणाली है। कुछ सामान्य रूप से मनाए गए लक्षण हैं।आसानी से परेशान होना। अकेले रहना, उदास। बेचैनी महसूस होना। समूह गतिविधियों में हिस्सा या भाग नहीं लेना लेना।
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