देश में बाघों की संख्या दोगुना करने का लक्ष्य चार साल पहले ही पूरा, सर्वे को गिनीज बुक में मिली जगह
नई दिल्ली। भारत ने बाघों की जनसंख्या के मामले में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बना दिया है। देश में साल 2018 में किए गए बाघों के सर्वे ने एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिल गई है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने ट्वीट करके ये जानकारी साझा करते हुए लिखा कि हमने लक्ष्य से 4 साल पहले ही बाघों की संख्या को दोगुना करने का संकल्प पूरा किया है। जंगली जानवरों पर कैमरे के जरिए ये अपनी तरह का सबसे बड़ा सर्वे है।
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क्या है सर्वे में
देश में साल 2018 में किए गए बाघों के इस विशाल सर्वे को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली है। सर्वे के मुताबिक, बाघों के सर्वे के लिए देश में 26,760 स्थानों पर 139 अध्ययन किए गए। इस सर्वे के दौरान साढ़े तीन करोड़ से ज्यादा बाघों के फोटों लिए गए, जिसमें 76,523 बाघों की तस्वीरें हैं और 51,337 तेंदुएं की तस्वीरें शामिल हैं। इसके हिसाब से देश में 2967 बाघ हैं।
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जावड़ेकर ने क्या कहा
केंद्रीय वन और पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने शनिवार को इसको लेकर ट्वीट करते हुए कहा कि इस सर्वे को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में जगह मिली है। ये खुशी की बात है। जावड़ेकर ने लिखा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 'संकल्प से सिद्धि' अभियान के जरिए बाघों की संख्या तय समय से पहले ही दोगुना कर लिया गया है। ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन का बाघों पर सबसे बड़ा कैमरा ट्रैप सर्वे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज कर लिया गया है। यह सर्वे दुनिया का सबसे विशाल सर्वे है। वन्यजीव सर्वेक्षण के साथ-साथ ही ये आत्मनिर्भर भारत का भी शानदार उदाहरण है।
2022 था लक्ष्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाघों की संख्या 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य तय किया था। सरकार ने 4 साल पहले ही इस लक्ष्य को पूरा कर लिया है। अखिल भारतीय बाघ अनुमान रिपोर्ट 2018 जारी करते हुए सरकार ने कहा कि करीब 3000 बाघों के साथ भारत दुनिया का सबसे बड़ा और सुरक्षित ठिकाना है। 2006 में देश में बाघों की संख्या करीब 1,411 थी जो 2019 में बढ़कर 2967 हो गई है।
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