15 अगस्त स्पेशल: रुखसाना कौसर जिसने पिता की जान बचाने के लिए आतंकियों से लिया लोहा
रुखसाना कौसर जिसने जम्मू कश्मीर के प्रति लोगों की सोच को बदल दिया, अपने अदम्य साहस के दम पर आतंकियों को उतारा मौत के घाट।
नई दिल्ली। हम तकरीबन हर रोज सुनते हैं कि जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बल के जवानों ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ में आतंकियों को मार गिराया, ऐसे में लोगों के बीच एक अवधारणा बन गई है कि घाटी में लोग आतंकियों का विरोध नहीं करते हैं, कुछ लोग तो यहां तक कहते हैं कि घाटी के लोगों में आतंकियों के लिए संवेदना है। लेकिन इन सब से इतर एक युवती ने इस विचारधारा को तोड़ने का काम किया है और एक उदाहरण पेश किया है।
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सीमा से सटे इलाके में रहती हैं रुखसाना
घाटी के लोगों के प्रति आम विचारधारा को तोड़ने में रुखसाना कौसर ने अहम भूमिका निभाई है। रुखसाना जम्मू कश्मीर के राजौरी जिले के कल्सी की रहने वाली हैं, उन्होंने अपने साहस के दम पर लोगों को अपनी सोच को बदलने के लिए मजबूर किया है। वह अपने माता-पिता राशिदा बेगम, नूर हसन और भाई ऐयाज के साथ शाहदरा शरीफ में रहती हैं। यह इलाका सीमा से तकरीबन 30 किलोमीटर दूर है।
आतंकियों ने बोल दिया था घर पर धावा
27 सितंबर 2009 को तीन कथित पाकिस्तानी आतंकियों ने हथियार के साथ रुखसाना के घर में धावा बोल दिया और उनसे खाने की चीजों व रात में सोने के लिए बिस्तर की मांग की। रुखसाना के पिता नूर से आतंकियों की मदद करने स इनकार कर दिया, जिसके बाद आतंकियों ने उनपर हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार ये आतंकी लश्कर ए तैयबा के आतंकी थे, इन लोगों ने नूर मोहम्मद को बंदूक की बट से मारना शुरू कर दिया।
आतंकी पर किया कुल्हाड़ी से हमला
इस पूरे वाकये को रुखसाना बिस्तर के नीचे छिपकर देख रही थी, लेकिन अपने पिता को पिटता देख रुखसाना एक कुल्हाड़ी लेकर आतंकियों की ओर दौड़ी और उनपर हमला कर दिया, उसने लश्कर के कमांडर के गले पर हमला कर दिया, जिसके बाद उसने कमांडर की एके-47 को छीनकर उसे मौत के घाट उतार दिया। रुखसाना और उसके भाई ने आतंकियों पर एके-47 से हमला करना शुरू कर दिया, जिसके बाद इन आतंकियों को यहां से भागना पड़ा।
कई पुरस्कार से नवाजा गया है
इस घटना के बाद रुखसाना और उसका परिवार शाहदरा पुलिस स्टेशन पहुंचा और हथियार को उनके हवाले कर दिया। जिस आतंकी को रुखसाना ने मार गिराया था उसकी पहचान लश्कर के कमांडर अबू ओसामा के तौर पर हुई। अपने इस अदम्य साहस के लिए रुखसाना को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार, सर्वोत्तम जीवन रक्षा पदक, सरदार पटेल अवॉर्ड, रानी लक्ष्मीबाई वीरात पुरस्कार, आस्था अवॉर्ड से नवाजा गया।