25 हजार में स्पेशल दर्शन देने वाले 'कल्कि भगवान' के 40 ठिकानों पर आयकर विभाग का छापा
हैदराबाद। खुद को 'कल्कि भगवान' कहने वाले विजय कुमार नायडू के 40 से अधिक ठिकानों पर दूसरे दिन भी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की छापेमारी जारी रही। इनकम टैक्स विभाग के सूत्रों के मुताबिक, आश्रम पर जमीनों को हड़पने और टैक्स चोरी के आरोप हैं। इसके अलावा कल्कि ट्रस्ट के फंड को लेकर भी यहां का मैनेजमेंट निशाने पर है। शुरुआती जानकारी के मुताबिक, इनकम टैक्स विभाग ने ट्रस्ट के मैनेजर लोकेश देसाजी से वित्तीय लेन-देन को लेकर पूछताछ की है।
एलआईसी के क्लर्क
एलआईसी के क्लर्क के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले विजय कुमार नायडू ने बाद में अपनी नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद नायडू ने एक शिक्षण संस्थान की स्थापना की। लेकिन संस्थान का दिवाला निकला तो नायडू भूमिगत हो गया। किसी को नायडू के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। बताया जाता है कि इसके बाद अचानक अपने आप को भगवान विष्णु का दसवां अवतार 'कल्कि भगवान' बताते हुए नायडू साल 1989 में चित्तूर में ऊपर हुआ।
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अचानक 'कल्कि भगवान' बन प्रकट हुआ नायडू
नायडू के साथ-साथ बेटे कृष्णा के खिलाफ सैकड़ों एकड़ जमीनों पर कब्जा कर रियल एस्टेट कारोबार करने की शिकायत के बाद साल 2010 में आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए थे। साल 2008 में चित्तूर में ही कल्कि आश्रम में भगदड़ मच गई थी, जिसमें 5 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इसके बाद कई दिनों तक आश्रम में ताला लटका हुआ था।
स्पेशल दर्शन के 25 हजार रु देने पड़ते थे
आयकर विभाग जिन ठिकानों पर छापेमारी कर रहा है, उनमें एक यूनिवर्सिटी और एक आध्यात्मिक स्कूल भी शामिल है। इनका मुख्य आश्रम आंध्र प्रदेश में चित्तूर के वैरादेहपलेम में है। इस आश्रम परिसर के चारों तरफ घेरे का रूप दिया गया है। यहां पर कोई अंदर दाखिल नहीं हो सकता है। बताया जा रहा है कि 'कल्कि भगवान' ने आश्रम का विस्तार तमिलनाडु में भी किया। नायडू ने खुद को और अपनी पत्नी पद्मावती को दैव स्वरूप बताया। यहां देश-विदेश से आने वाले धनवानों की लंबी लाइनें लगी रहती हैं। यहां साधारण दर्शन के लिए 5 हजार और स्पेशल दर्शन के 25 हजार रु देने पड़ते थे।