विदेशों में अवैध संपत्ति रखने वाले भारतीयों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की तैयारी में इनकम टैक्स विभाग
नई दिल्ली। आयकर विभाग विदेशों में अवैध संपत्ति रखने वाले भारतीयों के खिलाफ सख्त अभियान शुरू करने वाला है। आयकर विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि विभाग ने भारतीयों द्वारा विदेशों में रखी गई संपत्तियों और अवैध फंडों की जांच के लिए एक प्रमुख अभियान शुरू किया। विभाग ऐसे मामलों में कड़ी आपराधिक कार्रवाई के लिये कालाधन निरोधक कानून का उपयोग कर सकता है।
अधिकारी ने बताया कि, विभाग अन्य देशों के कर विभागों के साथ मिलकर विदेशों में हजारों भारतीयों द्वारा जमा कालाधन तथा खरीदी गयी संपत्ति की जांच कर रहा है। सीबीडीटी (केंद्रीय कर बोर्ड) अध्यक्ष सुशील चंद्र ने इस कदम की पुष्टि की लेकिन विस्तार से इनकार कर दिया। हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि वित्तीय खुफिया इकाई (एफआईयू) और अन्य स्रोतों से विदेशी लेनदेन के महत्वपूर्ण लेनदेन के विवरण के ऐसे मामलों पर काम कर रहा है और यह काले धन के खिलाफ एक प्रमुख समेकित कार्रवाई का हिस्सा था ।
अधिकारियों ने बताया कि कई मामलों में व्यक्तियों या करदाताओं की अन्य श्रेणी को उनके लेनदेन की व्याख्या करने के लिए नोटिस जारी किए गए हैं। इनमें कई उच्च प्रोफ़ाइल और प्रमुख लोग शामिल हैं, जबकि कई उच्च नेटवर्थ व्यक्ति जांच के दायरे में हैं।हालांकि नये कालाधन निरोधक कानून के तहत केवल उन्हीं मामलों में आपराधिक कार्रवाई होगी जो आयकर रिटर्न में कर अधिकारियों के समक्ष नहीं आया या कर चोरी के इरादे से किये गये।
सरकार ने कालाधन कानून के तहत विदेश से होने वाली आय और संपत्ति का मू्ल्यांकन के नियमों को लागू कर दिया है। यह नियम 1 अप्रैल, 2016 के बजाय 1 जुलाई, 2015 से लागू किया गया है। जिसमें विदेशी संपत्तियों और आय का खुलासा नहीं करने पर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। नए प्रावधानों से आयकर विभाग को कर चोरों से बकाया वसूलने के लिए उनकी अघोषित विदेशी संपत्ति के मूल्य के बराबर घरेलू संपत्ति जब्त और कुर्क करने का अधिकार है।
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