CCD के लापता मालिक के लेटर पर आयकर विभाग ने दी सफाई, कहा- कानून के तहत की कार्रवाई
बेंगलुरु। कैफे कॉफी डे के मालिक वीजी सिद्धार्थ के लापता होने के बाद उनका एक पत्र सामने आया है। जिसमें उन्होंने आयकर विभाग पर उत्पीड़न समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। अब आय़कर विभाग ने सिद्धार्थ के आरोपो पर सफाई दी है। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि, कैफे कॉफी डे के खिलाफ जांच के मामले में कानून के मुताबिक ही काम किया गया। दरअसल सिद्धार्थ ने इस चिट्ठी में उन कारणों का उल्लेख किया जिनकी वजह से वह पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहे थे। सिद्धार्थ की 'कथित चिट्ठी' में आयकर के पूर्व महानिदेशक द्वारा उत्पीड़न किए जाने का जिक्र किया गया है।
इन आरोपों का जवाब देते हुए आयकर विभाग के अधिकारी ने बताया कि, सर्च या रेड के दौरान पुख्ता सबूत मिलने के बाद ही प्रोविजनल अटैचमेंट की गई थी। विभाग के एक सूत्र ने बताया, 'इस मामले में विभाग ने न्यायसंगत तरीके से ही कार्रवाई की थी।' उन्होंने कहा कि सिद्धार्थ को माइंडट्री के शेयरों को बेचने से 3,200 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन उन्होंने टैक्स के तौर पर महज 46 करोड़ रुपये ही चुकाए, जबकि मिनिमम ऑलटरनेट टैक्स के तहत 300 करोड़ रुपये की देनदारी बनती थी।
आयकर विभाग के सूत्रों ने बताया कि सोशल मीडिया पर सिद्धार्थ का जो पत्र सर्कुलेट हो रहा है, उसमें दर्ज हस्ताक्षर सिद्धार्थ के अन्य हस्ताक्षरों से मेल नहीं खा रहे हैं। विभाग का कहना है कि उनके रिकॉर्ड में सिद्धार्थ के हस्ताक्षर सोशल मीडिया में चल रहे पत्र से अलग हैं। ए बता दें कि सोमवार रात से ही सिद्धार्थ लापता हैं। उनके ड्राइवर ने जो बयान दिया है उससे पुलिस का मानना है कि उन्होंने आत्महत्या कर ली है।
सिद्धार्थ की 'कथित चिट्ठी' में उन्होंने लिखा कि आयकर के पूर्व महानिदेशक ने बहुत उत्पीड़न किया जिन्होंने हमारे माइंडट्री सौदे को रोकने के लिए दो अलग-अलग मौकों पर हमारे शेयर जब्त कर लिए और बाद में हमारे कॉफी डे शेयर का अधिकार ले लिया जबकि हमने फिर से रिटर्न दाखिल कर दिया है। उन्होंने कहा कि यह बहुत अनुचित था और इससे हमें नकदी का गंभीर संकट झेलना पड़ा। अपने पत्र में उन्होंने लिखा है कि जिन लोगों ने मुझ पर विश्वास जताया है उन्हें निराश करने के लिए माफी मांगना चाहूंगा। मैं लंबे समय से लड़ रहा हूं, लेकिन अब हार मानता हूं। मैं एक प्राइवेट इक्विटी लेंडर पार्टनर का दबाव नहीं झेल पा रहा हूं।
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