बीजेपी के दिल्ली दफ्तर में जब सुषमा ने सीतारमण को कुर्सी से उठा दिया
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार का तीसरा कैबिनेट विस्तार किया गया। इस कैबिनेट विस्तार में सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम था निर्मला सीतारमण का। हालांकि वो इससे पहले वाणिज्य मंत्री थीं, लेकिन इस तरह से उन्हें प्रमोट किया जाएगा इसकी उम्मीद किसी को नहीं थी। निर्मला पहले राज्यमंत्री और अब उन्हें रक्षा मंत्री बना दिया गया है। निर्मला अब पूर्णकालिक रक्षा मंत्री हैं। लेकिन एक बार ऐसा भी हुआ था कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी के एक लंच के दौरान वरिष्ठ नेताओं की टेबल से पार्टी की ही एक नेता ने उठा दिया था।
ऐसे आई थीं पार्टी में
वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप सिंह ने वनइंडिया हिन्दी को बताया कि निर्मला सीतरमण साल 2006 में भाजपा ज्वाइन की थी। दिल्ली के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के फ्री थिंकर समूह की सदस्य रहीं निर्मला काफी एक्टिव थीं। इनका राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से कोई संबंध नहीं था। दरअसल, एक समय में भाजपा में उन लोगों को पार्टी में लाया जा रहा था जिनकी विचारधारा भी पार्टी से मिलती हो और वो वैचारिक तौर पर पुष्ट हों। इसी के तहत उन्हें पार्टी में लाया गया।
फिर निर्मला बनी राष्ट्रीय प्रवक्ता
फिर निर्मला को पार्टी का राष्ट्रीय प्रवक्ता बनाया गया। प्रदीप सिंह ने बताया कि भाजपा में हर साल एक वार्षिक बैठक होती है जो दिल्ली स्थित 11 अशोक रोड कार्यालय पर आयोजित की जाती है। बैठक के बाद लंच का भी आयोजन होता है। उस दिन जब लंच के लिए तमाम नेता और पत्रकार मौजूद थे तो वहां एक टेबल पर दो कुर्सियां खाली थीं। जिस पर पहले से सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, वेंकैया नायडू और कुछ पत्रकार बैठे थे।
वहां सुषमा पहले से थीं मौजूद
प्रदीप सिंह ने बताया कि इसके बाद वहां निर्मला पहुंचीं और टेबल की खाली कुर्सी पर बैठ गईं। वहां सुषमा पहले से बैठी थीं। इसके बाद उन्होंने निर्मला से कहा कि आप उठ जाइए। यह वरिष्ठ नेताओं के लिए है। इसके बाद निर्मला उठ कर चली गईं। फिर सुषमा और निर्मला के संबंधों में तनाव आय़ा। हालांकि ये संबंध सतह पर कभी उजागर नहीं हुए। साल 2014 में सरकार बनी तो वो वाणिज्य मंत्री बनाई गईं।
अब सुषमा और निर्मला एक बराबर बैठेंगी
अब निर्मला रक्षामंत्री हैं। वो कैबिनेट कमिटी ऑफ सिक्योरिटी (CCS) की भी सदस्य भी होंगी। CCS में प्रधानमंत्री , रक्षा मंत्री,गृह मंत्री, विदेश मंत्री और वित्त मंत्री भी होते हैं। अब सुषमा और निर्मला एक बराबर बैठेंगी। निर्मला ने खुद को रक्षा मंत्री बनाया जाना दैवीय कृपा बताया है।