पश्चिम बंगाल में कांग्रेस-लेफ्ट के बीच दिखी करीबी, टीएमसी-भाजपा के खिलाफ चक्रव्यूह की तैयारी
नई दिल्ली। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देजर कांग्रेस और सीपीआईएम लेफ्ट फ्रंट साथ आते नजर आ रहे हैं। पश्चिम बंगाल में दोनों ही पार्टियां एक साथम मिलकर चुनाव लड़ सकती हैं। माना जा रहा है कि लेफ्ट यहां सभी 42 सीटों पर चुनाव ना लड़े इसकी वजह है कि वह चाहता है कि भाजपा और टीएमसी विरोधी मत को अधिक से अधिक एकजुट किया जाए। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और सीपीएम के नेता इस बात को सुनिश्चित करने में जुटे हैं कि दोनों ही दलों के बीच गठबंधन हो। यही नहीं कांग्रेस आला कमान इस बात की भी उम्मीद कर रहा है कि टीएमसी के साथ भी उसकी बात बन जाए। वहीं केरल में सीपीएम कांग्रेस के खिलाफ सीधी लड़ाई के लिए मैदान में है।
अहम
बैठक
सूत्रों
की
मानें
तो
टीएमसी
कांग्रेस
के
साथ
गठबंधन
के
मूड
में
नहीं
है।
लेकिन
शुक्रवार
और
शनिवार
को
सीपीएम
के
नेताओं
की
बैठक
हुई।
यही
नही
कांग्रेस
अध्यक्ष
राहुल
गांधी
ने
भी
पीसीसी
अध्यक्ष
और
कांग्रेस
के
विधायी
सदस्यों
के
नेताओं
के
साथ
बैठक
की।
इन
बैठकों
के
बाद
पश्चिम
बंगाल
कांग्रेस
अध्यक्ष
सोमेन
मित्रा
ने
कहा
कि
कांग्रेस
लेफ्ट
के
साथ
गठबंधन
करने
की
इच्छुक
है,
हालांकि
वह
अपने
स्वाभिमान
के
साथ
समझौता
नहीं
करेगी।
कांग्रेस
और
सीपीएम
के
बीच
दूरी
कम
होती
इसलिए
भी
नजर
आ
रही
है
क्योंकि
केरल
सीपीएम
के
नेताओं
ने
भी
कांग्रेस
के
खिलाफ
अपने
तेवर
कम
किए
हैं।
भाजपा-टीएमसी
को
हराना
मुख्य
लक्ष्य
केरल
सीपीएम
के
नेता
का
कहना
है
कि
अगले
लोकसभा
चुनाव
में
भाजपा
को
सत्ता
से
बाहर
करना
है।
इसके
लिए
सभी
जरूरी
कदम
उठाए
जाएंगे।
बता
दें
कि
अप्रैल
2018
में
सीपीएम
की
शीर्ष
फैसला
लेनी
वाली
संस्था
ने
ऐलान
किया
था
कि
भाजपा
और
उसके
सहयोगी
दलों
को
हराना
उसका
प्राथमिक
लक्ष्य
है।
पार्टी
की
ओर
से
कहा
गया
था
कि
यह
काम
बिना
कांग्रेस
के
साथ
जाए
किया
जाना
है।
लेकिन
पश्चिम
बंगाल
में
लेफ्ट
ने
कांग्रेस
के
लिए
दरवाजे
खोल
रखे
हैं।
इसके
पीछे
पार्टी
का
कहना
है
कि
हमारा
लक्ष्य
भाजपा
और
टीएमसी
वोटों
को
बढ़ाना
है।
लेफ्ट-कांग्रेस
में
बनी
बात
शनिवार
को
मीडिया
से
बात
करते
हुए
सीपीएम
के
महासचिव
सीताराम
येचुरी
ने
कहा
कि
बंगाल
में
जहां
हम
या
लेफ्ट
के
नेता
मैदान
में
नहीं
हैं,
वहां
हमारा
लक्ष्य
होगा
भाजपा
और
टीएमसी
को
हराना।
हमारा
मुख्य
केंद्र
होगा
भाजपा
और
टीएमसी
विरोधी
वोटों
को
बढ़ाना।
उन्होंने
कहा
कि
हम
लेफ्ट
फ्रंट
की
ओर
से
किन
जगहों
पर
उम्मीदवारों
को
मैदान
में
उतारना
है
इसपर
चर्चा
कर
रहे
हैं।
सूत्रों
की
मानें
तो
लेफ्ट
कम
से
कम
चार
सीटों
पर
उम्मीदवार
नहीं
उतारेगी।
मौजूदा
समय
में
पश्चिम
बंगाल
में
कांग्रेस
के
पास
चार
सीटें
हैं।
जंगीपुर,
मालदहा
दक्षिण
और
पूर्व,
और
बहरामपुर
कांग्रेस
सके
पास
है।
इसके
बदले
में
कांग्रेस
उन
जगहों
पर
उम्मीदवार
नहीं
उतारेगी
जहां
लेफ्ट
चुनाव
जीत
सकती
है।
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