सेना में 'रोटी की जंग' छेड़ने वाले बर्खास्त जवान तेज बहादुर अब चुनावी रण में पीएम को देंगे चुनौती, जानिए उनका सफर
वाराणसी। समाजवादी पार्टी ने आज एक बड़ा कदम उठाया है। पार्टी ने वाराणसी से अपने टिकट पर बर्खास्त बीएसएफ जवान तेज बहादुर यादव को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है, जबकि इससे पहले पार्टी ने यहां से शालिनी यादव को अपना उम्मीदवार बनाया था, आपको बता दें कि तेज बहादुर यादव पहले ही निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में भी अपना पर्चा दाखिल कर चुके थे, जबकि शालिनी यादव ने पिछले दिनों ही कांग्रेस को छोड़कर सपा का दामन थामा था, उनके पार्टी ज्वाइन करने के चंद घंटों के बाद ही उन्हें सपा ने बनारस से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया था लेकिन अब सपा की प्रत्याशी शालिनी नहीं तेज बहादुर यादव हैं जो कि पीएम मोदी को बनारस के रण में चुनौती देंगे, इस सीट से कांग्रेस ने अजय राय को अपना प्रत्याशी बनाया है।
कौन हैं तेज बहादुर यादव
साल 2017 में एक फौजी का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ था, जिसमें वह जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पहाड़ी इलाके के बर्फीले स्थान पर सैनिकों को मिलने वाले भोजन की गुणवत्ता की शिकायत कर रहे थे, उन फौजी का नाम तेज बहादुर यादव था और वो वीडियो उन्हीं ने अपलोड किया था, हालांकि कई दिनों तक सोशल मीडिया और न्यूज चैनलों पर इस वीडियो पर काफी बहस भी हुई थी, तेज बहादुर ने अपने वीडियो में कहा था कि जवानों को सही खाना नहीं मिलता है और कई बार उन्हें भूखे पेट भी सोना पड़ता है।
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बीएसएफ़ से बर्खास्त किए गए थे तेज बहादुर यादव
मामला गृह मंत्रालय तक पहुंचने पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बीएसएफ से रिपोर्ट मांगी थी। तब तेज बहादुर ने कहा था कि सरकार हमें हर चीज देते है लेकिन आला अधिकारी सब बेचकर खा जाते हैं और हमें कुछ नहीं मिलता है, कई बार जवानों को भूखे पेट सोना पड़ता है। सेना ने इस मामले की जांच के आदेश दिए थे और बाद में तेज बहादुर को अनुशासन तोड़ने के जुर्म में बीएसएफ से बर्खास्त कर दिया गया था।
पीएम मोदी से मांगी थी तेज बहादुर ने मदद
इसके बाद मूल रूप से हरियाणा के कहने वाले तेज बहादुर ने दूसरा वीडियो अपलोड किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि मैंने अपने विभाग में भ्रष्टाचार को उजागर किया है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते थे भ्रष्टाचार से लड़ा जाए। मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे पीएम मोदी से पूछें कि उन्हें परेशान क्यों किया जा रहा है, इस वीडियो को तेज के परिवार वालों की ओर से रिलीज किया गया था, उनके पहले वीडियो के आने के बाद बीएसएफ की ओर से यादव के खिलाफ कोर्ट ऑफ इनक्वॉयरी शुरू हो गई थी, साथ ही यादव की वॉलेंट्री रिटायरमेंट की अपील भी खारिज कर दी गई थी।
जांच में तेज बहादुर यादव के सारे आरोप गलत निकले
साथ ही ट्रूप्स को जो खाना दिया जा रहा है उसकी भी इंटर्नल इनक्वॉयरी भी हुई जिसमें पाया गया कि जो भी शिकायत तेज बहादुर ने की थी वह पूरी तरह से गलत थी। इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऑफिस को भी जानकारी दी गई और गृह मंत्रालय को भी बताया गया था, बीएसएफ से बर्खास्त किए जाने पर उन्होंने कहा है कि जब भी आप सच बोलते हैं, तो आपके साथ ऐसा ही होता है, वह बोले कि सालों से ऐसा ही होता आ रहा है, यह भी जानकारी सामने आई थी कि तेज प्रताप के फेसबुक फ्रेंड लिस्ट में 17 पाकिस्तानी सैनिक भी थे।
बेटे की हुई थी संदिग्ध स्थितियों में मौत
जनवरी, 2019 में तेज बहादुर के 22 साल के बेटे की संदिग्ध स्थितियों में मौत हो गई थी। वह अपने कमरे में बंदूक के साथ मृत पाया गया था, इस बात को लेकर भी तेज और उनका परिवार बहुत सारे सवालों के घेरे में रहा, जिसका जवाब अभी तक नहीं मिला।
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क्यों लड़ रहे हैं मोदी के खिलाफ चुनाव
तेज बहादुर यादव (tej bahadur yadav) वर्दी में ही अपने सेना के साथियों के साथ नामांकन करने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। इस दौरान उनके सेना के साथी हाथों में दानपात्र लेकर लोगों से सहायता करने की अपील कर रहे थे।
तेज ने कहा-पीएम मोदी ने एक भी वादा पूरा नहीं किया
तेज बहादुर ने कहा कि दुनिया में आज तक सेना का कोई जवान प्रधानमंत्री (PM) के खिलाफ खड़ा नहीं हुआ था। देश में जवान अब भ्रष्टाचार के खिलाफ बगावत कर रहे हैं। हम लोगों से एक-एक रुपया मांग रहे है, ताकि नकली चौकीदार(chokidar) से असली चौकीदार लड़ पाए।
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