सास को मुखाग्नि देने वाला नहीं था कोई, तो बहू ने उठाई ये जिम्मेदारी
उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक बहू ने अपनी सास को मुखाग्नि दी। पति के बीमार होने के कारण सास को मुखाग्नि देने को कोई नहीं था, ऐसे में इस बहू ने जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और सास के निधन के बाद सारे कर्मकांड भी खुद ही कर रही है।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक बहू ने अपनी सास को मुखाग्नि दी। पति के बीमार होने के कारण सास को मुखाग्नि देने को कोई नहीं था, ऐसे में इस बहू ने जिम्मेदारी अपने कंधों पर ली और सास के निधन के बाद सारे कर्मकांड भी खुद ही कर रही है। महिला की हिम्मत देखकर देवीपाटन मंडल के आयुक्त (कमीश्नर) सुधेश कुमार भी हैरान रह गए और उसकी मदद के लिए पैसे और अनाज दान में दिए। इसके साथ ही उन्होंने सभी से अपील की कि दयनीय स्थिति को देखते हुए उसकी मदद करें।
गोंडा में रहने वाली गुड़िया की सास का कुछ दिन पहले निधन हो गया। गुड़िया का पति गंभीर बीमारी से पीड़ित है और मुंबई में उसका इलाज चल रहा है। ऐसे में पति के न होते हुए घर में सास को मुखाग्नि देने वाला कोई नहीं था। तब गुड़िया ने खुद सास को मुखाग्नि देने का फैसला लिया। समाज के बेड़ियां तोड़ते हुए गुड़िया ने खुद सास को मुखाग्नि दी और अंतिम संस्कार के बाद के सभी काम भी खुद ही कर रही हैं।
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गुड़िया की कहानी सुनकर देवीपाटन मंडल के आयुक्त (कमीश्नर) सुधेश कुमार उनसे मिलने पहुंचे। उन्होंने गुड़िया को पांच हजार रुपये की मदद और साथ में गेहूं, चावल, दाल और कपड़े भी दिए। कुमार ने वजीरगंज के बीडीओ से भी महिला को हर संभव मदद देने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी से अपील की कि गुड़िया की मदद की जाए।
उन्होंने प्रधान रामकरण पर कोई मदद न करने को लेकर नाराजगी जाहिर की। कुमार ने कहा कि ऐसे लोगों के असंवेदनशील रवैये के कारण उन्हें खुद वहां आना पड़ा। सुधेश कुमार ने कहा कि किसी को इतना असंवेदनशील नहीं होना चाहिए।
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