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यूपी में रेप का आरोपी BSP उम्मीदवार फरार, कास्ट कार्ड के भरोसे महागठबंधन

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नई दिल्ली- आखिरी चरण में यूपी की 13 सीटों पर चुनाव होने हैं और महागठबंधन (Alliance) और बीजेपी में कड़ा मुकाबला है, लेकिन मायावती (Mayawati) और अखिलेश यादव (Akhilesh yadav) की चुनौती सिर्फ भाजपा ही नहीं है। उन्हें अपने एक उम्मीदवार पर लगे दाग के कारण भी बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए बुआ और बबुआ की पार्टी को कुछ नहीं सूझ रहा है तो वे जातीय कार्ड (caste) चलकर ही उस सीट पर जीत पक्की करने में लग गए हैं।

घोसी के उम्मीदवार पर क्या है आरोप

घोसी के उम्मीदवार पर क्या है आरोप

19 मई को चुनाव होने हैं, लेकिन घोसी (Ghosi) लोकसभा क्षेत्र से बीएसपी (BSP) उम्मीदवार अतुल राय (Atul Rai) सीन से लापता हैं। उनपर वाराणसी के एक कॉलेज स्टूडेंट के साथ रेप का आरोप है और कोर्ट से अग्रिम जमानत (anticipatory bail) याचिका खारिज होने के बाद से वो फरार हैं। पीड़िता ने पिछले महीने उनपर अपनी पत्नी से मिलने के बहाने घर बुलाकर उसके साथ रेप का आरोप लगाया है। इस मामलें में एक मई को राय के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। हालांकि, राय अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार कर चुके हैं।

महागठबंधन को जातीय कार्ड का भरोसा

महागठबंधन को जातीय कार्ड का भरोसा

एक अनुमान के मुताबिक घोसी में 3.5 लाख-जाटव, 80 हजार- गैर-जाटव दलित, 3.5 लाख-मुस्लिम, 2 लाख- यादव, 1.2 लाख- राजभर, 1 लाख- नोनिया और 4 लाख से ज्यादा ऊंची जातियों के वोटर्स हैं। गठबंधन को इसी जातीय अंकगणित के दम पर लगता है कि उसका उम्मीदवार क्षेत्र में मौजूद रहे या न रहे, उसकी जीत तो पक्की है। इंडियन एक्सप्रेसके ने जब बीएसपी के मऊ (Mau) जिला-इंचार्ज ललित कुमार अकेला से उनके प्रत्याशी की फरारी के बारे में पूछा तो उन्होंने जवाब दिया, "मुझसे पूछने का कोई मतलब नहीं है। लेकिन, उनके नहीं रहने से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। हमारा वोटर समर्पित है।" अखबार ने मऊ (Mau) शहर में दिख रहे समीकरण के आधार पर महसूस किया कि वहां गठबंधन की एकजुटता साफ दिख रही है। मसलन, जब कुछ मजदूरों के बीच बैठे लोगों में से एक सुरेश राजभर ने कहना शुरू किया कि मोदी को फिर से सत्ता में वापस आना चाहिए, तो एक दलित ने उसकी बात काट कर रहा, "सभी वोट गठबंधन को जा रहा है, जो जीत रहा है। बहनजी हमारे दिल में हैं।" एक दूसरे ग्रुप में राजभरों के बीच बैठे पप्पू यादव कहते हैं, "मैं भी गठबंधन को वोट दे रहा हूं। मेरी जाति के अधिकतर लोग।" पास बैठे मोहम्मद शफीक उनकी बातों में हामी भरते हैं। हालांकि, वहीं पर काफी संख्या में मौजूद नोनिया समुदाय के लोगों में वोट देने को लेकर आम राय नहीं दिखी। जैसे- रवि चौहान कहते हैं, "इस सरकार में बिजली बहुत ही महंगी हो गई है।" लेकिन, उनके साथ बैठे अनिल चौहान उनका विरोध करते हुए कहते हैं, "तुम्हें धन्यवाद देना चाहिए कि तुम्हारे गांव में बिजली पहुंच रही है। अगर तुम बिजली जलाओगे, तो तुम्हें पैसे देने पड़ेंगे।"

यहां चल रहा मोदी कार्ड

यहां चल रहा मोदी कार्ड

मऊ के बाहरी इलाके में बलिया मोड़ से बुझौती गांव तक अति पिछड़े वर्ग के राजभर समुदाय में ज्यादातर लोग बीजेपी को वोट देना चाहते हैं। उनका कहना है कि, "मोदी ने हमें घर और शौचालय दिए।" निर्मला देवी कहती हैं, "जिन्होंने अपने जीवन में एक ईंट नहीं देखी थी, उन्हें पक्के घर मिल गए..." पूरे मऊ में राजभर समुदाय के लोगों में एक आम भावना दिखी कि उन्हें मोदी सरकार की अनेकों योजनाओं से लाभ मिला है। मोतीचंद राजभर कहते हैं, "उम्मीदवारों ने कुछ नहीं किया। लेकिन, केंद्र की योजनाएं हम तक पहुंची हैं। पीएम-किसान योजना के तहत अधिकतर गांवों को 2,000 रुपये मिले हैं। मोदी देश के लिए भी काम कर रहे हैं, जिसे नोटबंदी और सर्जिकल स्ट्राइक से फायदा पहुंचा है।"

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क्या फिर से इतिहास दोहराएगा घोसी?

क्या फिर से इतिहास दोहराएगा घोसी?

घोसी लोकसभा क्षेत्र से उम्मीदवार का गायब होने का यह पहला मामला नहीं है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कल्पनाथ राय 1996 में यहां से निर्दलीय के तौर पर तिहाड़ जेल में रहकर चुनाव जीत चुके हैं। वे चीनी घोटाला और दाऊद इब्राहिम के आदमी को कथित तौर पर शरण देने के आरोप में जेल में बंद थे। 2017 में कुख्यात अपराधी मुख्यतार अंसारी भी गाजीपुर जेल में रहकर मऊ विधानसभा का चुनाव जीत चुका है। तब वह 2005 में बीजेपी नेता कृष्णानंद राय की हत्या के आरोप में जेल में कैद था।

बंगाल में बीजेपी का एक उम्मीदवार भी फरार

बंगाल में बीजेपी का एक उम्मीदवार भी फरार

पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर (Diamond Harbour) सीट पर भी यूपी की घोसी जैसी ही स्थिति है। यहां से बीजेपी उम्मीदवार निलंजन रॉय (Nilanjan Roy) पर भी नाबालिग बच्ची के यौन उत्पीड़न का आरोप है। वेस्ट बंगाल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (WBCPCR) के मुताबिक उन्होंने पिछले महीने 24 परगना जिले के फाल्टा में 17 साल की एक बच्ची का यौन उत्पीड़न किया। वेस्ट बंगाल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स (WBCPCR) ने राज्य के चीफ इलेक्ट्रोल ऑफिसर को आरोपी के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने और पुलिस को उन्हें पॉक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत गिरफ्तार करने को कहा। जिसके बाद पुलिस ने उनके खिलाफ केस दर्ज कर लिया। लेकिन, अभी तक उनकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।

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English summary
In UP’s Ghosi, rape-accused candidate on the run, SP-BSP takes caste route
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