तेलंगाना निकाय चुनाव में एक साथ आए कांग्रेस, बीजेपी, लेकिन...
नई दिल्ली। तेलंगाना निकाय चुनाव में पहली बार कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी ने कल्पना नहीं की होगी। तेलंगाना के नगर निकाय चुनाव में पहली बार कांग्रेस और बीजेपी ने हाथ मिलाया। जी हां एक दूसरे की धुर विरोधी कांग्रेस और बीजेपी ने एक दूसरे के साथ हाथ मिलाया। तेलंगाना राष्ट्र समिति(TRS) को हराने के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने एक साथ हाथ मिलाया। आईटी हब मणिकोंडा म्युनिसिपल सीट के लिए साझेदारी की और अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के साथ चले गए।
मणिकोंडा म्युनिसिपल सीट के 20 मार्ड में से कांग्रेस के खाते में 8 वार्ड, बीजेपी के खाते में 6 वार्ड और टीआरएस के खाते में 5 वार्ड आएं, जबकि एक वार्ड निर्दलीय उम्मीदवार ने जीता। वहीं सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी ने मथकल सीट के लिए भी कोशिश की, लेकिन वहां बात नहीं बनी। बीजेपी नेता जीतेंद्र रेड्डी के मुताबिक इस म्यूनिसिपल सीट पर जीत की उन्हें पूरी उम्मीद थी। उन्होंने कहा कि बीजेपी की कोशिश तेलंगाना में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करना था।
बीजेपी और कांग्रेस नेताओं ने इस साझेदारी को लोकल एरेंजमेंट करार दिया और इस बात की संभावना से इंकार किया कि वो किसी भी तरह की साझेदारी का हिस्सा होंगे या एक दूसरे से गठबंधन करेंगे। हालांकि कांग्रेस बीजेपी की ये चाल टीआरएस के सामने नहीं चली। टीआरएस ने दोनों पार्टियों का सूपड़ा साफ करते हुए निकाय चुनावों में जबरदस्त जीत हासिल की। टीआरएस नेता ने भाजपा और कांग्रेस के बीच अंदरूनी गठबंधन पर तीखा हमला बोला और कहा कि मक्तल, मणिकोंडा, तुर्कयांजल में भाजपा-कांग्रेस के बीच अपवित्र गठबंधन रहा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा सिर्फ नाम के लिए राष्ट्रीय पार्टियां हैं और उनका तेलंगाना में कोई असर नहीं है। टीआरएस ने कहा कि एक नगरपालिका के लिए दो राष्ट्रीय पार्टियों के बीच गठबंधन करना शर्म की बात है। गौरतलब है कि टीआरएस ने कुल 120 स्थानों में से 112 स्थानों पर जीत हासिल की।