शिवसेना ने खेला मराठा कार्ड, 'सामना' में लिखा-मुंबई को बचाने के लिए एक हो जाओ भूमिपुत्रों
मुंबई। शिवसेना और कंगना रनौत के बीच वाकयुद्ध लगातार जारी है तो वहीं विरोधियों के निशाने पर आई शिवसेना ने एक बार फिर से मराठा कार्ड खेला है, पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में साफ तौर पर कहा गया है कि मुंबईवासियों को बाहरवालों से बचाने के लिए सारे मराठाओं को एक होना होगा क्योंकि बाहरी लोगों का ग्रहण यहां बढ़ता ही जा रहा है, बाहर के आए लोगों के लिए मुंबई केवल कमाई का जरिया है, लेकिन ये लोग केवल हमारे शहर को बदनाम कर रहे हैं और ये सब एक साजिश के तहत हो रहा है।
Recommended Video
'महाराष्ट्र के खून से मराठी कोशिकाओं को खत्म करने की साजिश '
'सामना' में लिखा गया है कि आज महाराष्ट्र के खून से मराठी कोशिकाओं को खत्म करने की साजिश रची जा रही है, सूर्य, चंद्र जब तक रहेंगे, महाराष्ट्र को मुंबई नहीं मिलेगी, ऐसे शब्दों के उच्चारण के साथ ही दावानल की तरह भड़कनेवाले भूमिपुत्र को हमेशा के लिए लाचार बनाने का षड्यंत्र नई राजनीति में रचा गया है लेकिन वो लो भ्रमित हैं और बेकार की बातें सोच रहे हैं, वो भूमिपुत्रों को कम आंक रहे हैं।
'शिवसेना विरोध दिल्लीश्वर की प्यारी डार्लिंग बन जाता है'
अखबार कहता है कि मुंबई भूमिपुत्रों की होगी लेकिन उसे धन-धान्य से संपन्न हम लोगों ने ही बनाया है, यह घमंड, अहंकार मुंबई के सेठ लोगों में पहले भी था, आज भी है ही, शिवसेना ने सबसे पहले यही घमंड उतारने का काम किया इसलिए शिवसेना के प्रति दिल्ली के मन में हमेशा द्वेष भावना रही है, जो शिवसेना के विरोध में बोलेगा, वह दिल्लीश्वर की 'प्यारी डार्लिंग' बन जाता है।
अक्षय कुमार पर भी साधा निशाना
इससे पहले 'सामना' में बॉलीवुड की खामोशी पर भी सवाल उठाए गए थे, 'सामना' में लिखा है कि अक्षय कुमार को मुंबई शहर ने काफी कुछ दिया है, यहां तक की उनकी पहचान यहीं से बनी हैं, उन्होंने इस सपनों के शहर में अपार सफलता पाई है, लेकिन फिर भी उन्होंने कंगना के खिलाफ एक शब्द नहीं बोला, ये सब लोग केवल मुंबई को अपनी कमाई का जरिया मानते हैं।
कंगना को कहा गया-'देशद्रोही'
आपको बता दें कि इससे पहले 'सामना' के संपादकीय में कंगना रनौत के बयानों की कड़ी निंदा की गई थी, संपादकीय में कंगना को बेईमान बताया गया था, यहां तक कि कंगना को देशद्रोही कहा गया और मोदी सरकार को देशद्रोही को सुरक्षा देने की बात कही गई थी और सरकार के फैसले पर सवाल खड़े किए गए हैं, सामना में ये भी लिखा है कि मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर से करना और मुंबई पुलिस को माफिया बोलना एक मेंटल केस वाले व्यक्ति के लक्षण हैं, खाकी वर्दी का अपमान करना बिगड़ी हुई मानसिकता के लक्षण हैं।
यह पढ़ें: कोरोना महामारी के बीच NEET की परीक्षा आज, शिक्षा मंत्री ने किया Tweet,पढ़ें गाइडलाइन