पीएम मोदी की नई कैबिनेट में तमिलनाडु का कोई नेता क्यों नहीं, जानिए वजह
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2019 में जीत के बाद अब नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बन गए हैं। इस बार उनके कैबिनेट में कुल 58 मंत्रियों को शामिल किया गया है जिसमें कुछ एक राज्यों को छोड़कर लगभग-लगभग सभी राज्यों से मंत्री बनाए गए हैं। लेकिन तमिलनाडु में एनडीए का सहयोगी दल अन्नाद्रमुक (AIADMK) को कोई प्रतिनिधि मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं है। तमिलनाडु में बीजेपी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं रही है।
मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम ओ पनीरसेल्वम के बीच नाराजगी है वजह?
लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ई पलानीस्वामी और डिप्टी सीएम ओ पनीरसेल्वम के बीच नाराजगी की वजह से पार्टी चूक गई। क्योंकि ऐसा कहा जा रहा है कि पनीरसेल्वम कथित तौर पर अपने बेटे रवींद्रनाथ को एनडीए सरकार में देखना चाहते थे। बता दें कि थेवर समुदाय शक्तिशाली नेता रवींद्रनाथ ने अपने घरेलू सीट थेनी से कांग्रेस नेता ईवीकेएस इलकोवान को हराया है।
बेटे को मंत्री बनाना चाहते है ओ पनीरसेल्वम ?
सूत्रों का कहना है कि चुनाव नतीजों से पहले भी, ओपीएस अपने बेटे के लिए मंत्री पद की पैरवी कर रहे थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यलय में AIADMK के एक धड़ा ने आर वैथिलिंगम के नाम का सुझाव दिया है। वैथिलिंगम के बारे में आपको बता दें कि ये राज्य सभा सदस्य के अलावा तीन बार के विधायक रह चुके हैं और जे जयललिता के विश्वासपात्र भी थे जिनका दिसंबर 2016 में निधन हो गया।
दोनों अपने पसंदीदा को बनाना चहाते हैं मंत्री ?
एक तरफ तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डिप्टी के बीच मंत्री बनाए जाने को लेकर मतभेद तो दूसरी ओर बताया जा रहा है कि मंत्री बनने के लिए दोनों ही फोन कॉल का इंतजार कर रहे हैं और दिल्ली में ही रुके हुए हैं। गुरुवार रात तक, AIADMK के एक वरिष्ठ नेता ने कहा था वैथिलिंगम सरकार में शामिल होंगे, हालांकि पार्टी रवींद्रनाथ की पैरवी भी कर रही है। दूसरी ओर रवींद्रनाथ ने उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया है जिसमें कहा गया था उन्हें प्रधानमंत्री की टीम में शामिल होने के लिए कॉल आया था।
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