Pics: फ्रांस से भारत के रास्ते में राफेल, बीच हवा में ही भरा गया फ्यूल
नई
दिल्ली।
कई
बरसों
का
इंतजार
खत्म
हो
रहा
है
और
फ्रांस
से
इंडियन
एयरफोर्स
(आईएएफ)
के
लिए
राफेल
फाइटर
जेट
भारत
आ
रहे
हैं।
सोमवार
को
मेरीनेक
से
शुरू
हुआ
सफर
बुधवार
को
राफेल
की
अंबाला
में
लैंडिंग
के
साथ
अपने
अंजाम
पर
पहुंच
जाएगा।
सात
घंटे
की
फ्लाइट
के
बाद
राफेल
शाम
यूनाइटेड
अरब
अमीरात
(यूएई)
के
अल
दाफ्रा
एयरपोर्ट
पहुंचे।
पहले
बैच
में
पांच
राफेल
जेट
भारत
आ
रहे
हैं
और
सिंतबर
2022
तक
सभी
राफेल
जेट
आईएएफ
को
मिल
जाएंगे।
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IAF ने फ्रांस को कहा थैंक्यू
फ्रांस से अंबाला के रास्ते में राफेल की बीच हवा में ही री-फ्यूलिंग की गई। फ्रेंच एयरफोर्स के दो टैंकर्स राफेल की मदद कर रहे हैं। आईएएफ ने मंगलवार को री-फ्यूलिंग की फोटो साझा की और फ्रेंच एयरफोर्स का शुक्रिया अदा किया। आईएएफ ने कहा है कि राफेल की यात्रा के दौरान जिस तरह की मदद फ्रेंच एयरफोर्स की तरफ से मिली, वह उसकी शुक्रगुजार है। राफेल जेट की कमीशनिंग सेरेमनी अगस्त में होगी। आईएएफ के मुताबिक लैंड करते ही पायलट्स, ग्राउंड क्रू और फाइटर जेट, भारत पहुंचते ही ऑपरेशन के लिए रेडी हो जाएंगे।आईएएफ की तरफ से सोमवार को बताया गया था कि पहले चरण के दौरान राफेल में हवा में ही ईधन भरा जाएगा। फ्रेंच एयरफोर्स का एक टैंकर ईधन भरने के काम को पूरा करेगा। जो पांच राफेल भारत के लिए रवाना हुए हैं उनमें से तीन सिंगल सीटर और दो डबल सीटर हैं। आईएएफ के मुताबिक इस यात्रा को दो चरणों में आईएएफ के पायलट पूरा करेंगे।
पाकिस्तान को धूल चटाने वाली स्क्वाड्रन का हिस्सा
राफेल की पहली कॉम्बेट यूनिट वही गोल्डन एरो स्क्वाड्रन होगी जिसे सन् 1999 में कारगिल की जंग के समय आईएएफ के पूर्व चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कमांड किया था। आईएएफ की 17 स्क्वाड्रन ने कारगिल की जंग के समय मिग-21 को ऑपरेट किया था। साल 2007 में 126 एमएमआरसीए के लिए टेंडर निकाले गए थे। इसके बाद एयरफोर्स ने ट्रायल किया और फिर राफेल को चुना गया। इसके बाद अप्रैल 2015 में केंद्र की मोदी सरकार ने 36 राफेल फाइटर्स को खरीदने का फैसला किया।
क्या है राफेल की टेल पर RB का मतलब
पहले राफेल जेट का टेल नंबर RB-001 है और इसी तरह से सभी राफेल के नंबर दिए गए हैं। RB राफेल पर आईएएफ चीफ, चीफ एयरमार्शल आरकेएस भदौरिया को सम्मानित करते हुए लिखा गया है। आईएएफ चीफ ने करीब 60,000 करोड़ की इस डील में अहम रोल अदा किया था। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पिछले वर्ष अक्टूबर में पेरिस गए थे। यहां पर उन्होंने दशहरे और आईएएफ डे के मौके पर शस्त्र पूजा के साथ स्वीकार किया था। राफेल जेट पहले मई में भारत आने वाले थे लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से इनकी डिलीवरी की तारीख को आगे सरका दिया गया था। बाकी के राफेल जेट्स सितंबर 2021 तक देश में आ जाएंगे।
24 पायलट्स को मिलेगी तीन बैच में ट्रेनिंग
भारत के लिए तैयार राफेल को इसकी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए खास उपकरणों से लैस किया गया है। इस फाइटर जेट्स में भारतीय पायलट के एक ग्रुप को पहले ही ट्रेनिंग दी जा चुकी है। अब तीन बैच में 24 पायलट्स को फिर से ट्रेनिंग दी जाएगी। राफेल की पहली कॉम्बेट यूनिट वही गोल्डन एरो स्क्वाड्रन होगी जिसे सन् 1999 में कारगिल की जंग के समय आईएएफ के पूर्व चीफ एयर मार्शल बीएस धनोआ ने कमांड किया था। वहीं इस एयरक्राफ्ट की दूसरी स्क्वाड्रन पश्चिम बंगाल के हाशिमारा में होगी । यहां पर राफेल की स्क्वाड्रन को चीन से सटे बॉर्डर को ध्यान में रखते हुए रखा जाएगा। आईएएफ की 17 स्क्वाड्रन ने कारगिल की जंग के समय मिग-21 को ऑपरेट किया था और इसके पास उस समय की नंबर प्लेट भी है।