कर्नाटक में अब उद्योगों के लिए सीधे किसानों से खरीदे जा सकेंगे जमीन
बेंगलुरू। कर्नाटक के किसान अब उद्योगपतियों को सीधे अपनी जमीन बेंच सकेंगे। लंबे समय से चली आ रही इस बाधा को दूर करते हुए कर्नाटक सरकार ने संशोधित भूमि सुधार अधिनियम, 1961 में लागू कर दिया है, जो उद्योगों को अब सीधे किसानों से जमीन खरीदने की अनुमति देता है। यह बड़ा फैसला राज्य सरकार ने लॉकडाउन से अपंग हुए उद्योगों को जल्द दोबारा चालू करने के लिए लिया है।
हालांकि अभी भी उद्योगों को राजस्व विभाग से अनुमति लेनी होगी और अगर डिप्टी कमिश्नर मामले पर लाल झंडी नहीं दिखाते हैं अथवा 30 दिनों के भीतर आवेदन को मंजूरी दे देते हैं, तो आवेदन को अनुमोदित माना जाएगा। इससे पहले उद्योगों को कर्नाटक औद्योगिक क्षेत्र विकास बोर्ड (केआईएडीबी) के माध्यम से ही आवंटित कृषि भूमि मिल सकती थी।
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गौरतलब है कर्नाटक राज्यपाल द्वारा कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) विधेयक, 2020 को मंजूरी देने के बाद संशोधन को अधिसूचित किया गया था और मार्च में विधायिका द्वारा भी स्वीकृति प्रदान किया गया था, जो गत 27 अप्रैल का गजट नोटिफिकेशन संबंधित कर्नाटक भूमि सुधार (संशोधन) अध्यादेश 2019 को निरस्त करता है।
गत 25 जनवरी को सीएम बी एस येदियुरप्पा ने कहा था कि सरकार उद्योगों को जमीन सीधे किसानों से खरीदने की सुविधा के लिए भूमि सुधार अधिनियम की धारा 109 में संशोधन करेगी। बैंगलोर चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष देवेश अग्रवाल ने इस कदम का स्वागत किया।
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उन्होंने कहा कि जब भारत चीन के एक वैकल्पिक सोर्सिंग प्वाइंट बनने के अवसरों के तलाश में है, ऐसे में सरकार का यह कदम खासकर Covid19 प्रेरित लॉकडाउन के खात्में के बाद फायदेमंद होगा, क्योंकि ग्लोबल फर्म्स अपनी सप्लाई चेन को कम जोखिम में डालना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि बाधाओं के हटाने से हमारी प्रतिस्पर्धात्मक क्षमता बढ़ेगी।
फेडरेशन ऑफ कर्नाटक चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के अध्यक्ष सी आर जनार्दन ने कहा कि अब तीन साल लंबी प्रक्रिया को पूरी होने में अब महज 30 दिन लगेंगे। उन्होंने कहा, हम एक ऐसे बड़े सुधार की मांग कर्नाटक में लंबे समय से मांग कर रहे थे, क्योंकि तमिलनाडु, आंध्र और तेलंगाना पहले सो ही इसकी अनुमति दे रहे हैं।
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