जम्मू-कश्मीर में 29 अगस्त तक सेना ने 139 आतंकी या तो मार गिराए या पकड़ लिए
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नई दिल्ली- जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने अगस्त तक कुल 139 आतंकियों को या तो मार गिराया या तो उन्हें कब्जे में ले लिया है। आतंकियों की इस संख्या में वे आतंकी भी शामिल हैं, जिन्हें सुरक्षा बलों ने लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) के आसपास सेना के साथ हुई मुठभेड़ में मार गिराया है। यही नहीं पिछले महीने 5 अगस्त को जब से जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 खत्म किया गया है, तब से पूरे अगस्त में पाकिस्तान ने एलओसी पर सीजफायर उल्लंघन के 200 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया है।
पाकिस्तान ने 5 अगस्त के बाद 222 बार सीजफायर तोड़ा
सेना के अधिकारियों ने बताया है कि 5 अगस्त को आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर पाकिस्तान ने सीज फायर उल्लंघन के कम से कम 222 वारदातों को अंजाम दिया है, जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया है। हालांकि इस साल पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन के सबसे ज्यादा मामले जुलाई महीने में दर्ज किए गए जब पाकिस्तान ने 296 बार सीजफायर तोड़ा और उसे उसका माकूल जवाब भी दिया गया। खास बात ये है कि जुलाई महीने में ही पाकिस्तानी पीएम इमरान खान ने वॉशिंगटन डीसी में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से मुलाकात करके कश्मीर का राग अलापा था, जिसपर खुद ट्रंप की काफी फजीहत हुई थी। बता दें कि इस साल पहले 8 महीनों में पाकिस्तान ने कुल 1,889 बार सीजफायर का उल्लंघन किया है, जबकि पिछले साल इसी अवधि में उसने एलओसी पर सीजफायर का 1,629 बार उल्लंघन किया था।
5 अगस्त के बाद 6 आतंकी निपटे
सेना के एक वरिष्ठ अफसर ने बताया है कि पिछले अगस्त महीने में जब जम्मू-कश्मीर से विशेषाधिकार हटाने के लिए धारा-370 के कुछ प्रावधान हटाए गए हैं, सेना ने 5 आतंकियों को अलग-अलग ऑपरेशन में ढेर किया है, जबकि एक जिंदा आतंकवादी भी उसके हत्थे चढ़ा है। जहां तक सेना को सबसे ज्यादा कामयाबी मिलने की बात है तो वह महीना मई का रहा है। मई में अकेले सेना के जवानों ने 27 आतंकवादियों को मार गिराया था, जो कि इस साल किसी महीने में मारे गए आतंकियों की सबसे ज्यादा संख्या है। जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी घटनाएं भी सबसे ज्यादा मई महीने में ही (22) दर्ज की गई है।
कुल 87 आतंकवादी वारदातें
इस साल जनवरी से लेकर अगस्त तक जम्मू-कश्मीर में कुल 87 आतंकवादी वारदातें हुई हैं। इसमें जुलाई के आखिरी हफ्ते में पाकिस्तानी बॉर्डर एक्शन टीम के कमांडो के स्पेशल सर्विस ग्रुप की ओर से चलाया गया नापाक ऑपरेशन भी शामिल है, जिसे भारतीय सेना ने सफलता पूर्वक नाकाम कर दिया था। भारतीय सेना ने एलओसी पार कर भारत में घुसपैठ करने की कोशिश में जुटे बीएटी के 4 से ज्यादा कमांडो को मौके पर ही ढेर कर दिया। बता दें कि सेना ने पाकिस्तान को संदेश भेजकर अपने कमांडो के शव ले जाने को कहा, लेकिन पाकिस्तानी सेना ने अपने कमांडो का अंतिम संस्कार करना तक भी मुनासिब नहीं समझा।
8 महीने में सेना के 26 जवान-अफसर भी शहीद
यह आंकड़े पिछले आठ महीनों यानि 1 जनवरी से 29 अगस्त तक के हैं। इसी अवधि में सेना के 26 लोग पूरी घाटी में विभिन्न ऑपरेशनों में शहीद भी हो गए। ये आंकड़ा सबसे ज्यादा फरवरी महीने में था, जब सेना के 8 जवानों-अफसरों ने आतंकियों के साथ मुठभेड़ में अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे। लेकिन, भारतीय सेना के जवानों ने इसी दौरान 139 आतंकवादियों को भी या तो मौत के घाट उतार दिया या उन्हें जिंदा ही अपनी गिरफ्त में लेने में कामयाब रहे।