मोदी के दांव के आगे अरविंद केजरीवाल फिर हुए फिसड्डी, जानें दिल्ली चुनाव पर क्या होगा इसका असर ?
Delhi Assembly Election:In Front of Modi's Bet, Arvind Kejriwal Again Laggards,What Will be The Effect in Delhi Elections? मोदी सरकार ने दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों से अपना वादा पूरा करके चुनावी दांव चल दिया हैं। जिसका फायदा चुनाव में भाजपा को होगा। जानिए पूरा गणित
बेंगलुरु। दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख जितनी पास आती जा रही उसमे तमाम पार्टियां एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के जरिए अपने हित साधने में लगी हुई हैं। सबसे बड़ी लड़ाई हो रही है अरविंद केजरीवालऔर नरेंद्र मोदी के बीच। हालांकि दिल्ली चुनाव को लेकर आम आदमी पार्टी अपनी जीत को लेकर बड़ी आश्वस्त नजर आ रही हैं। । दिल्ली के सीएम पद पर रहते हुए सीएम केजरीवाल ने दिल्ली की जनता के लिए कई फ्री सुविधाएं दी जिसके दम पर केजरीवाल को लग रहा कि वह दोबारा दिल्ली किला फतह कर लेंगे। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा चुनाव के पहले चला गया एक दांव केजरीवाल के किए कराए पर पानी फेर सकता हैं। मोदी सरकार ने दिल्ली की 40 लाख जनता से किया वादा पूरा करके केजरीवाल के फिसड्डी साबित कर चुकी हैं।
बता दें पीएम मोदी ने तीन माह पूर्व अक्टूबर में दिल्ली की अवैध कालोनियों को लेकर बड़ा वादा किया था। केजरीवाल ने भी जनता से ये वादा किया था लेकिन पांच साल के कार्यकाल में पूरा नहीं किया। लेकिन पीएम मोदी ने अपना ये वादा पूरा कर दिया हैं। दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले 40 लाख लोगों को मोदी ने चुनाव से पहले तोहफा दे दिया। मालूम हो कि पिछले सप्ताह अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक दिलाने वाला बिल लोकसभा में पास हो गया था। जिसके बाद वह अब राज्यसभा से भी पास हो गया है। इसके बाद अब दिल्ली के 1,797 कॉलोनियों के निवासियों को मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया हैं।
मलिकाना हक देकर मोदी ने जीत लिया लाखों लोगों का दिल
आपको बता दें लंबे समय से दिल्ली की अवैध कालोनियों में रहने वाले लोग सरकार से यह मांग कर रहे थे। अब मोदी सरकार ने वर्षों बाद दिल्ली में रह रहे 40 लाख लोगों को उनके आशियानें को परमानेंट कर दिया हैं। नहीं तो पिछले कई वर्षों से इन्हें अपने सिर से छत छिन जाने का डर हर पल सताता रहता था। मोदी सरकार के इस कदम ने अवैध कॉलोनियों में रह रहे 40 लाख लोगों को उनके मकान का मालिकाना हक देकर उनका दिल जीत लिया है। जिसका सीधा फायदा विधानसभा चुनाव में भाजपा को होगा। इन कॉलोनियों में रहने वालों को मालिकाना हक देने की घोषणा के साथ ही बीजेपी ने एक बड़ा दांव दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए चल दिया हैं।
बहुत जल्द शुरु हो जाएंगी अनाधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री
मालूम हो कि इस मामले पर आम आदमी पार्टी और केजरीवाल सरकार ने अपनी फज़ीहत खुद ही करवा ली हैं। दरअसल 18 नवंबर को शुरू हुए संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन आम आदमी पार्टी ने के सभी सांसदों ने बिल पास करवाने के लिए प्रदर्शन किया। आप ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि मोदी कैबिनेट जो अवैध कालोनियों को लेकर प्रस्ताव पास किया था वह दिखावटी था। इतना ही नहीं आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस बिल को लेकर एक ट्वीट किया था। संजय सिंह ने संसदीय कार्य मंत्रालय का एक दस्तावेज डालते हुए कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा और राज्यसभा में पेश होने वाले सभी बिलों की जानकारी है। लेकिन, इस लिस्ट में कहीं पर भी दिल्ली की अनाधिकृत कॉलोनियों को नियमित करने संबंधी बात नहीं लिखी गई है। बुधवार को आखिरकार यह बिल पास ही हो गया और आप की भाजपा को इस बिल को लेकर भाजपा के खिलाफ किया जा रहे दुष्प्रचार की पोल जनता के सामने खुल गयी। भाजपा का दावा है कि बहुत जल्द ही अनाधिकृत कॉलोनियों में रजिस्ट्री भी शुरू हो जाएगी।
दिल्ली के मोदी सरकार का रेवोल्यूशनरी कदम
गौरतलब हैं कि मोदी सरकार की अक्टूबर माह में जब यह प्रस्ताव पास किया था तो केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था, कि आज दिल्ली की आबादी दो करोड़ से अधिक है। 11 साल पहले साल 2008 में भी कोशिश हुई थी, दिल्ली सरकार काम को लटका रही थी। 2018 में बोले की दो साल और चाहिए। अब लगा कि इस पर केंद्र सरकार को ही कदम बढ़ाने होंगे। यह दिल्ली के लिए रेवोल्यूशनरी कदम है। सभी मकान मालिक को अब मालिकाना हक दिया जाएगा, भले ही ये कॉलोनी सरकारी या निजी जमीन पर बनी हों। बता दें दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने भी इसे नियमित करने की मंजूरी पहले ही दे चुके थे। साथ ही एलजी ने अवैध कॉलोनियों के मामलों में दिल्ली भूमि सुधार अधिनियम के मामलों को वापस लेने का निर्देश दिया था। इसके अलावा राजधानी के 79 गांवों के शहरीकरण को भी मंजूरी दी गई थी।
मालिकाना हक मिलने के साथ ही सरकार देंगी ये सुविधाएं
इस फैसले के बाद अवैध कॉलोनियों में रहने वाले अब अवैध कॉलोनियों में रहने वालों को उनके घरों के कागजात मिल जाएंगे। अब लोग आसानी से घर खरीद बेच सकेंगे। इस बिल का उद्देश्य जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी, वसीयत, बेचने, खरीदने और कब्जे संबंधी दस्तावेजों को मान्यता देना है। सरकार इन कॉलोनियों को वैध कॉलोनी करार देते हुए वहां सारी बुनियादी सुविधाएं जैसे बिजली, पानी, स्कूल, अस्पताल की व्यवस्था करेगी। बच्चों को खेलने के लिए पार्क, सामुदायिक भवन की समेत अन्य सुविधाएं मिलेगी। लोगों को भी बिजली, पानी का स्थायी मीटर और सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ मिलेगा। मालूम हो कि दिल्ली की ये 1,797 कॉलोनियां 175 वर्ग किलोमीटर में फैली हैं।
ये दो मुद्दे भी बने हैं केजरीवाल के गले की हड्डी
ये
दो
मुद्दे
भी
बने
हैं
केजरीवाल
के
गले
की
हड्डी
केजरीवाल
फ्री
बिजली-पानी,
बेहतर
सरकारी
स्कूल
और
स्वास्थ्य
को
मुद्दा
बना
रहे
हैं
और
लोगों
से
उनके
वोट
मांग
रहे
हैं।
वहीं
दूसरी
ओर
भाजपा
की
ओर
से
ये
कहा
जा
रहा
है
कि
केजरीवाल
ने
दिल्ली
में
काम
नहीं
किया
है।
केजरीवा
के
खिलाफ
दो
ऐसे
मुद्दे
हैं,
जो
अरविंद
केजरीवाल
के
गले
ही
हड्डी
बन
गए
हैं।
पहला
है
निर्भया
केस
और
दूसरा
है
कन्हैया
कुमार।
दरअसल
पिछले
दिनों
निर्भया
की
मां
ने
हाल
ही
में
बयान
दिया
है
कि
केजरीवाल
सरकार
ही
निर्भया
के
दोषियों
की
फांसी
में
देरी
होने
के
लिए
जिम्मेदार
है।
उनका
कहना
है
कि
सरकार
की
गलती
की
वजह
से
वह
एक
कोर्ट
से
दूसरे
कोर्ट
भाग
रही
हैं।
भाजपा
की
ओर
से
प्रकाश
जावड़ेकर
ने
इस
मौके
का
पूरा
फायदा
उठाते
हुए
कहा
कि
निर्भया
के
दोषियों
को
फांसी
देने
में
देरी
दिल्ली
सरकार
की
लापरवाही
की
वजह
से
हुई
है।
न्याय
में
देरी
के
लिए
दिल्ली
सरकार
ही
दोषी
है।
केजरीवाल
सरकार
ने
पिछले
2.5
सालों
में
दोषियों
को
दया
याचिका
दाखिल
करने
के
लिए
नोटिस
क्यों
नहीं
दिया?
आम
आदमी
पार्टी
के
नेता
संजय
सिंह
ने
जावेड़कर
का
जवाब
तो
दिया
लेकिन
आधी
अधूरी
जानकारी
के
साथ।
उन्होंने
कहा
कि
भाजपा
लोगों
को
गुमराह
करने
की
कोशिश
कर
रही
है।
दिल्ली
में
कानून-व्यवस्था
तो
केंद्र
सरकार
के
हाथ
में
है,
तो
फिर
आम
आदमी
पार्टी
देरी
के
लिए
जिम्मेदार
कैसे
हो
गई।
इस कारण से केजरीवाल की देशद्रोही की बनी हैं छवि!
जिस पर केजरीवाल की पार्टी की जमकर फजीहत हुई। वहीं केजरीवाल के पिछले कार्यकाल के दौरान कन्हैया कुमार केंद्र सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ हमले बोलते रहे हैं और विपक्षी पार्टियों का भी उन्हें समर्थन मिलता रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा कन्हैया कुमार के बचाव में खड़े रहे जिसको भाजपा ने केजरीवाल के खिलाफ समय समय पर भुनाया भी। इस चुनाव में भी वह इस मुद्दे को भुना रही है। इस तरह दिल्ली सरकार की छवि देशद्रोहियों को पनाह देने वाली बन रही है। ये तो बात साफ है कि जनता देशद्रोही की छवि वाली पार्टी के बजाय देशभक्त मोदी वाली छवि को ही वोट करेगी। इसीलिए दिल्ली चुनाव में अरविंद केजरीवाल के लिए कन्हैया को बचाना गले की हड्डी बन चुका हैं।
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