मोदी के आमंत्रण से सार्क नेता खुश, राजपक्षे नाराज
वहीं पाकिस्तान अब तक ये फैसला नहीं कर पाया है कि मोदी के शपथ समारोह में हिस्सा ले या नहीं। मोदी के इस फैसले पर जहां जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादियों के दोनों धड़ों ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित सार्क नेताओं को बुलाने के फैसले का स्वागत किया, वहीं तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता सहित विभिन्न नेताओं ने श्रीलंका के राष्ट्रपति को न्योता भेजने का विरोध किया है। विरोध करने वालों में भाजपा के सहयोगी वाईको भी शामिल हैं।
इस बीच अफगानिस्तान, मालदीव और श्रीलंका के राष्ट्रपतियों और भूटान एवं नेपाल के प्रधानमंत्रियों ने न्योता स्वीकार करने की पुष्टि कर दी है, लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने अभी तक कोई फैसला नहीं लिया है। बांग्लादेश की ओर से वहां की संसद के स्पीकर समारोह में भाग लेने आएंगे। सार्क देशों के अलावा मारीशस के प्रधानमंत्री नवीनचंद्र रामगुलाम भी शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने आएंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सैयद अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति हामिद करजई, श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे और मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयूम के शपथ ग्रहण में हिस्सा लेने की पुष्टि मिल चुकी है। अकबरुद्दीन ने कहा कि भारत को भूटान के प्रधानमंत्री लाचेन त्शेरिंग तोबगे और नेपाल के प्रधानमंत्री सुशील कोईराला के भी आने की पुष्टि मिल चुकी है, जबकि बांग्लादेश ने सूचित किया है कि स्पीकर शिरिन शरमीन चौधरी समारोह में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि प्रधानमंत्री शरीफ गुरुवार को फैसला लेंगे कि उन्हें मोदी के शपथ ग्रहण में हिस्सा लेना है या नहीं और उल्लेख किया है कि नरेंद्र मोदी के सत्तारूढ होने के बाद वह भारत के साथ 'सार्थक बातचीत' की उम्मीद रखता है। दूसरी ओर मोदी के कदम का जम्मू एवं कश्मीर के अलगावादियों के दोनों धड़ों के साथ ही साथ मुख्य धारा के नेताओं और यहां के निवाविसयों ने स्वागत किया है।