कोरोना संकट में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने स्वर्ण मंदिर को दान दिया 33 टन गेहूं, सोशल मीडिया पर मिले ऐसे रिएक्शन
नई दिल्ली। देश-दुनिया में फैले कोरोना वायरस संकट के बीच इंसानियत की मिसाल पेश करने वाली एक खबर सामने आई है। गौरतलब है कि केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को बाद देशभर के धार्मिक स्थलों को खोलने की अनुमति मिल गई है। इसी बीच गरीब और कमजोर वर्ग के लोगों को महामारी के दौरान भोजन मिल सके इसलिए अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में लंगर भी शुरू हो चुका है। मानवता के इस काम में सहयोग के लिए मुस्लिम समुदाय भी सामने आया है। शुक्रवार को कुछ लोगों ने स्वर्ण मंदिर की रसोई को 33 टन गेहूं दान देकर मानवता का धर्म निभाया।
AIAA अध्यक्ष अशोक सिंह ने दी जानकारी
पंजाब के लुधियाना में स्थित धार्मिक संगठन अब्राहम और इंडो-अब्राहमिक एसोसिएशन (AIAA) के अध्यक्ष अशोक सिंह गरचा ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने स्वर्ण मंदिर में लंगर का सेवन करते मुस्लिम ग्रुप की एक तस्वीर भी शेयर की है जिन्होंने गेहूं दान दिया है। अशोक सिंह ने कैप्शन में लिखा, 'मुस्लिम भाइयों ने अमृतसर में स्वर्ण मंदिर को 33 टन गेहूं दान किया। पोस्ट में दिखाई दे रही तस्वीर में वह सभी दानदाता गुरुद्वारे में लंगर ग्रहण कर रहे हैं और सिख सेवादार सेवा करते हुए।'
Muslim brothers donated 33 Tons of wheat to the Golden Temple Langar at Amritsar.
Below, the donors partaking Langar at the Gurdwara while Sikh sewadars serve pic.twitter.com/vi9iriK07v
— Ashok Singh Garcha (@AshokSGarcha) July 10, 2020
मानवता ही सबसे बड़ा धर्म
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के चलते 25 मार्च से लागू लॉकडाउन के दौरान सभी धार्मिक स्थलों को बंद कर दिया गया था जिसे अब अनलॉक के पहले चरण में खोला गया है। स्वर्ण मंदिर में रोजाना हजारों की संख्या में श्रद्धालु लंगर के रूप में प्रसाद का सेवन करने आते हैं। 33 टन गेहूं दानकर के मुस्लिम समूह ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इंसानियत का कोई धर्म नहीं होता, मानवता ही सबसे बड़ा धर्म है। अशोक सिंह गरचा द्वारा किया गया यह ट्वीट अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। खबर लिखे जाने तक उनके ट्वीट पर अब तक 4 लाख के अधिक लाइक और 9 हजार से अधिक बार री-ट्वीट किया जा चुका है। इस पोस्ट पर लोगों ने कई यूजर्स ने पॉजिटिव कमेंट भी किए हैं।
You must. The foundation stone of the Golden Temple was laid by a muslim saint, Sain Mian Mir.
Till partition of 1947, muslims would perform Kirtan (devotional music) in the sanctum sanctorum
— Ashok Singh Garcha (@AshokSGarcha) July 10, 2020
स्वर्ण मंदिर से जुड़ी रोचक जानकारी
एक ट्विटर यूजर डॉ कफील खान ने अपने ट्वीट में लिखा, 'मैं अपनी जिंदगी में एक बार स्वर्ण मंदिर जरूर आना चाहता हूं।' कफील खान के इस ट्वीट का रिप्लाई करते हुए अशोक सिंह गरचा ने स्वर्ण मंदिर से जुड़ी एक रोचक जानकारी शेयर की है। अशोक सिंह ने बताया, कई वर्षों पहले स्वर्ण मंदिर की आधारशिला एक मुस्लिम संत साईं मियां मीर ने रखी थी। इसके अलावा साल 1947 में बंटवारे से पहले तक मुस्लिम लोग स्वर्ण मंदिर के गर्भगृह में कीर्तन (भक्ति संगीत) किया करते थे।
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