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बागपत में मिले महाभारत युग के 'शाही' अवशेष, जांच में जुटी एक्सपर्ट की टीम

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नई दिल्ली। दिल्ली के लाल किले में स्थित आर्कियोलॉजी संस्थान में फिर से इतिहास लिखने की तैयारी हो रही है। इसकी वजह है भारतीय पुरातत्व विभाग की यूपी के बागपत में खुदाई के दौरान मिले कुछ 'शाही' अवशेष, जिन्हें महाभारत काल का बताया जा रहा है। दरअसल बागपत में खुदाई के दौरान तीन ताबूत, कंकाल अवशेष, रथ, तलवारें और दूसरी चीजें बरामद हुई थी, जिसे लाल किले के आर्कियोलॉजी संस्थान लाया गया। यहां एक्सपर्ट इन अवशेषों की गंभीरता से जांच में जुटे हुए हैं।

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बागपत में खुदाई के दौरान मिले खास अवशेष

बागपत में खुदाई के दौरान मिले खास अवशेष

आर्कियोलॉजी संस्थान से जुड़े विशेषज्ञों के मुताबिक बागपत से मिले ये अवशेष किसी शाही योद्धा परिवार के लग रहे हैं। ये 2000-1800 ईसा पूर्व के बीच कांस्य युग के माने जा रहे हैं। लगभग यही समय महाभारत काल भी माना जाता है। हालांकि अभी पुरातत्वविद अभी इस किसी निश्चित सभ्यता से जोड़कर देखना ठीक नहीं समझ रहे हैं। बागपत का सोनौली, जहां से ये अवशेष मिले हैं वो अनुमान के मुताबिक कौरवों की बसाई गई राजधानी हस्तिनापुर के पास ही मौजूद है। महाभारत काल भी 2000 ईसा पूर्व माना जाता है।

लाल किले के ऑर्कियोलॉजी संस्थान में चल रही रिसर्च

लाल किले के ऑर्कियोलॉजी संस्थान में चल रही रिसर्च

पूरे मामले में मेल टुडे की टीम ने एएसआई से जुड़े आर्विन और संजय मंजुल से बात की। इन्हीं के नेतृत्व में लाल किले के आर्कियोलॉजी संस्थान में अवशेषों का अन्वेषण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बरामद अवशेषों को लेकर कई तरह के टेस्ट और अध्ययन किए जा रहे हैं। ये जानकारी इकट्ठा करने की कोशिश की जा रही है कि आखिर जो अवशेष मिले हैं उस समय के लोगों का रहन-सहन कैसा था। उनकी मौत कैसे हुई। आर्कियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर संजय मंजुल ने कहा कि अगर अनुसंधान में कोई खुलासा होता है तो ये हमारे प्राचीन इतिहास को जानने में बेहद अहम साबित होंगे। उन्होंने बताया कि भारतीय उपमहाद्वीप में पहली बार किसी जगह से खुदाई में रथ के अवशेष मिले हैं। इससे पहले इस तरह के रथ ग्रीस और मेसोपोटामिया की खुदाई में ही मिले थे।

'खुदाई से निकली वस्तुएं पुरातत्व के लिहाज से अहम होंगी'

'खुदाई से निकली वस्तुएं पुरातत्व के लिहाज से अहम होंगी'

बागपत के सोनौली में खुदाई के दौरान पहली बार खास तलवारें मिली हैं। चारपाई जैसा ताबूत मिला है जिस पर तांबा-पत्ते का डिजाइन है। खुदाई वाली जगह पर आठ कब्र भी मिले हैं, जिसमें एक कुत्ते का भी था। फिलहाल इन कब्रों का खास अध्ययन करने के लिए पहली बार सीटी-स्कैन, एक्सरे जैसी आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। आर्कियोलॉजी इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर संजय मंजुल ने बताया कि सोनौली में खुदाई से निकली वस्तुएं पुरातत्व के लिहाज से नए मील का पत्थर साबित होंगी।

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English summary
In Baghpat ASI finds 'royal' remains are linked to Mahabharata, relics could belong 2000 1800 BC.
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