असम में अब BSF ऑफिसर और उनकी पत्नी को बताया गया विदेशी, दिए गए गिरफ्तारी के आदेश
गुवाहाटी। असम में दो माह पहले एक आर्मी ऑफिसर को विदेशी बताकर उन्हें डिटेंशन सेंटर भेजा गया था, अब बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के ऑफिसर और उनकी पत्नी को विदेशी बता दिया गया है। असम में नेशनल रजिस्ट ऑफ सिटीजंस (एनआरसी) के तहत यह नया मामला है जिसने विवाद पैदा कर दिया है। बीएसएफ ऑफिसर और उनकी पत्नी के इस तरह से विदेशी घोषित होने के बाद उन्हें फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल के आदेश पर गिरफ्तार किया जा सकता है।
पंजाब में तैनात हैं ऑफिसर
नया मामला जोरहाट का है जहां पर बीएसएफ में सब इनस्पेक्टर मुजिबुर रहमान और उनकी पत्नी को विदेशी बता दिया गया है। ट्रिब्यूनल ने अब असम पुलिस को इन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से एनआरसी के लिए 31 अगस्त आखिरी तारीख तय की गई है। इन सबके बीच ही अथॉरिटीज समय सीमा से पहले अपने काम को पूरा करने में लगी हुई हैं। मुजिबर रहमान असम के गोलाघाट जिले में आने वाले उदयपुर-मिकीपट्टी के रहने वाले हैं। वर्तमान समय में वह पंजाब में बीएसएफ की 144वीं बटालियन के साथ तैनात हैं। सूत्रों की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक वह और उनकी पत्नी को शुरुआत में डाउटफुल वोटर्स के तौर पर एनआरसी अथॉरिटीज की तरफ से चिन्हित किया गया था। इसके साथ ही मामले को जोरहट ट्रिब्यूनल के पास भेज दिया गया था। जुलाई में जब सब इनस्पेक्टर रहमान छुट्टियों में अपने घर पहुंचे तो उन्हें इसके बारे में जानकारी मिली। अब आदेश के खिलाफ उन्होंने गुवाहाटी हाई कोर्ट में अपील की है।
सेना के ऑफिसर को भी बताया विदेशी
असम में इस समय 100 फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल हैं और इन ट्रिब्यूनल्स पर बांग्लादेश से आकर गैर-कानूनी तरीके से बसे लोगों को पहचानने और कार्रवाई करने की जिम्मेदारी है। माना जा रहा है 200 नए ट्रिब्यूनल्स का गठन जल्द हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की तरफ से एनआरसी की समय सीमा एक माह बढ़ाई गई है ताकि लिस्ट में गलतियों की गुंजाइश न रहने पाए। जून माह में गुवाहाटी हाई कोर्ट की ओर से रिटायर्ड सैनिक मोहम्मद सनाउल्ला का जमानत दी गई थी। उन्हें भी गुवाहाटी ट्रिब्यूनल की ओर से विदेशी घोषित कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें पश्चिमी असम के गोलपाड़ा स्थित डिटेंशन सेंटर भेज दिया गया था। 52 वर्ष के सनाउल्ला अभी तक कोर्ट में केस लड़ रहे हैं।