अरुंधति रॉय, कभी भारत को अपना मुल्क समझ लो
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) अंग्रेजी की लेखिका अरुंधति रॉय को देश की हर बात बुरी लगती है। उन्हें भारत का हर नेता जनता का शत्रु नजर आता है। उन्होंने इस बात को एक बार फिर साबित किया। अरुंधति रॉय ने पाकिस्तान के दि डान अखबार को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लेकर उनके पूर्ववर्ती डा. मनमोहन सिंह किसी को नहीं छोड़ा।
मुस्लिम लीग का माउथपीस
कभी देश को तोड़ने वाली मुस्लिम लीग के माउथपीस दि डान को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार पर खूब जहर उगला। उन्होंने मोदी सरकार को पानी पी-पीकर कोसा।
किया मतदाताओं का अपमान
बुकर पुरस्कार से सम्मानित अरुंधति राय ने कहा कि भारत में अब कोरपोरेट घरानों की अहम भूमिका रहती है चुनाव की नतीजों में। वे ही सब कुछ तय करते हैं। उनकी इस तरह की टिप्पणी उन करोड़ों हिन्दुस्तानियों का घोर अपनाम है, जो हर चुनाव के मौके पर वोट देते हैं।
जन्नत की हकीकत
दलितों की हालत पर उन्होंने कहा कि उन्हें भारत में अब भी दूसरे दर्जे का इंसान माना जाता है। अरुंधति राय जी आप साउथ दिल्ली के एलिट जोरबाग में रहती हैं। आपको क्या पता जन्नत की हकीकत के बारे में। आपको मालूम होना चाहिए कि देश के दलितों ने जीवन के तमाम क्षेत्रों में नाम कमाया है। वे नौकरी के साथ-साथ कारोबार में भी हाथ आजमा रहे हैं।
विकास दर को समझो
राय मानती हैं कि देश की अर्थव्यवस्था साल 2010 में 10 फीसद की ग्रोथ रेट से 5 फीसद पर सरकार की गलत नीतियों के कारण आ गई। वे इसके लिए कांग्रेस और यूपीए सरकार के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कमजोर नेतृत्व को दोष देती हैं। हालांकि सच्चाई ये है कि भारत ही नहीं सारी दुनिया की अर्थव्यवस्थाएं जूझ रही हैं मंदी के कारण।
अब वैश्विक अर्थव्यवस्था के दौर में आप एक-दूसरे पर निर्भर रहते हो। इसलिए जरा सोच-समझ कर बोला करो अरुंधति जी। उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि देश के वे राज्य सबसे गरीब हैं, जो खनिजों के भंडार हैं। उनसे पूछा जाना चाहिए कि उन्होंने इस बात क्या प्रयास किए ताकि सरकारें अपनी विकास संबंधी नीतियों में सुधार लाएं।