पहली बार मालाबार युद्धाभ्यास में भारत के साथ शामिल होगा ऑस्ट्रेलिया, बढ़ी चीन की बेचैनी
नई दिल्ली। लद्दाख से सटी एलएसी पर भारत और चीन के बीच विवाद लगातार जारी है। इसी बीच भारत ने हिंद महासागर में अपना एक नया सहयोगी खोज लिया है। नरेंद्र मोदी सरकार ने अगले महीने संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान के साथ होने वाले वार्षिक मालाबार नौसैनिक अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है। इस कदम से एक तरफ क्वाड (क्वाड्रिलेटरल-सिक्योरिटी डायलॉग) को मजबूती मिलेगी तो चीन की बेचैनी बढ़ेगी। यह पहली बार है जब क्वाड के सभी सदस्य एक साथ सैन्य अभ्यास में शामिल होंगे।
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यह पहली बार है जब क्वाड समूह के चारों देश भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया इस तरह के युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं। इस युद्धाभ्यास में पहले अमेरिका और भारत ही हिस्सा लेते थे, लेकिन साल 2015 में इसमें जापान को भी जोड़ा गया और अब ऑस्ट्रेलिया के इस युद्धाभ्यास में शामिल हो रहा है। नौ सेना की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि, समुद्री क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढाने और विशेष रूप से आस्ट्रेलिया के साथ रक्षा क्षेत्र में सहयोग को पुख्ता करने की दिशा में आगे बढते हुए इस वर्ष होने वाले मालाबार अभ्यास में आस्ट्रेलियाई नौसेना की भी हिस्सेदारी का निर्णय लिया गया है। यह अभ्यास बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में होगा।
रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ''भारत समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में दूसरे देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा सहयोग में वृद्धि को देखते हुए मालाबार 2020 में ऑस्ट्रेलियन नेवी की भी सहभागिता होगी। इस बार अभ्यास को 'नॉन कॉन्टैक्ट एट सी' फॉर्मेट में तैयार किया गया है। अभ्यास से शामिल देशों के नेवी के बीच सहयोग और समन्वय मजबूत होगा।
चीन की अपना प्रभुत्व बढाने की रणनीति पर अंकुश लगाने के लिए भारत, अमेरिका , जापान और आस्ट्रेलिया के 'क्वाड' की लामबंदी आज और अधिक मजबूत हो गयी है। इस मामले से जुड़े लोगों के मुताबिक, मालाबार अभ्यास दो हिस्सों में होगा। अभ्यास पहले 3-6 नवंबर और फिर 17-20 नवंबर के बीच होगा। चारों देशों का साझा उद्देश्य मुक्त और स्वतंत्र हिंद प्रशांत क्षेत्र है। भारत और अमेरिका की द्विपक्षीय नौसेना सहयोग के तहत मालाबार युद्धाभ्यास वर्ष 1992 में शुरू किया गया था। वर्ष 2018 में यह वार्षिक युद्धाभ्यास फिलीपींस की गुआम के तट पर और 2019 में जापान के तट पर हुआ था।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र महासागर में परेशानी का सबब बने चीन को रोकने के लिए चार बड़ी शक्तियां पहली बार मालाबार में साथ युद्धाभ्यास करती दिखेंगी। इसके साथ ही पहली बार अनौपचारिक रूप से बने क्वॉड ग्रुप को सैन्य मंच पर देखा जाएगा। क्वाड मालाबार पहले एक सीमित नौसैनिक युद्धाभ्यास हुआ करता था लेकिन अब इंडो-पैसिफिक रणनीति का अहम हिस्सा है। इसका मुख्य उद्देश्य चीन की विस्तार नीति को रोकना है।
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