कौन हैं इमरान के मंत्री Ijaz Ahmed Shah, बेनजीर की हत्या और ओसामा को पनाह देने में भी आ चुका है नाम
नई दिल्ली- पाकिस्तान के गृह मंत्री रिटायर्ड ब्रिगेडियर एजाज अहमद शाह पाकिस्तानी सेना, सरकार, खुफिया एजेंसी आईएसआई और वहां से चल रहे तमाम खतरनाक आतंकी संगठनों के संपर्क सूत्र रहे हैं। इन सभी के साथ उन्होंने कभी न कभी काम किया है और जाहिरा तौर पर अब वो जो कह रहे हैं उससे लगता है कि उनके आतंकियों के साथ भी नजदीकी संबंध बरकरार हैं। दुनिया भर में सक्रिय आतंकी संगठनों से इनकी साठगांठ अमेरिका में हुए 9/11 के हमले से भी पहले से हैं और उनके संरक्षण में पले-बढ़े आतंकी संगठन ही आज भारत में कहर बरपाने की साजिशें रच रहे हैं। अगर कम शब्दों में एजाज अहमद शाह का परिचय कराया तो वे अपने मुल्क पाकिस्तान के असल नुमाइंदे कहे जा सकते हैं, क्योंकि अकेले उनमें वे सारे लक्षण मौजूद हैं, जो पिछले सात दशकों में भारत ने अपने पड़ोसी देश के साथ महसूस किया है।
अलकायदा से जुड़े हैं तार
पूर्व पाकिस्तानी राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के बेहद करीबी माने जाने वाले एजाज अहमद शाह की आतंकियों से करीबी तब बढ़नी शुरू हुई जब वे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े। आतंकियों में इनकी पैठ कितनी गहरी है, यह जानने के लिए एक उदाहरण का जिक्र करना जरूरी है। 9/11 हमले के बाद अमेरिका अल-कायदा और ओसामा बिन लादेन के पीछे हाथ धोकर पड़ा था। खबरों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों को पता चला कि अल-कायदा का एक खौफनाक आतंकी उमर सईद शेख पाकिस्तान में मौजूद है। जब पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई और दूसरी सुरक्षा एजेंसियों ने अमेरिका के दबाव में उसपर शिकंजा कसना शुरू किया तो उसने साफ किया कि वह सिर्फ एजाज अहमद शाह के सामने ही सरेंडर करेगा। क्योंकि, वह आईएसआई के अफसरों में सिर्फ शाह को ही जानता था। तब वे कहने के लिए पंजाब प्रांत के गृह सचिव पद पर तैनात थे।
आईएसआई में अलकायदा और तालिबान की जिम्मेदारी संभाली
शायद ओसामा बिन लादेन और अलकायदा के बाकी आतंकियों की तलाश के मद्देनजर ही पाकिस्तानी हुक्कमरानों ने 2004 से 2008 के संवेदनशील वर्षों के दौरान इन्हें पाकिस्तानी खुफिया ब्यूरो का चीफ बना दिया। उस समय अलकायदा से अच्छे ताल्लुकात रखने वाला इनसे बेहतर खुफिया अफसर शायद पाकिस्तान में दूसरा नहीं था। खबरों के मुताबिक आईएसआई के लिए काम करने के दौरान शाह को कथित तौर पर दो आतंकी संगठनों के साथ तालमेल बिठाने की ही मुख्य जिम्मेदारी थी। अलकायदा और तालिबान। आईबी चीफ बनाने के लिए भी शायद उनका यही अनुभव काम आया था। कथित तौर पर मुशर्रफ के युग में इन्हें पाकिस्तान सरकार ने खुली छूट दे रखी थी, जिसके कारण इनपर राजनीतिक विरोधियों को प्रताड़ित करने के भी खूब आरोप लगाए गए।
ओसामा को एबोटाबाद में रखा
एजाज अहमद शाह का सबसे बड़ा कारनामा अमेरिका की आंखों में वर्षों तक धूल झोंककर एबोटाबाद में ओसामा बिन लादेन को छिपा कर रखना है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के एक पूर्व अधिकारी ब्रूस रीडेल ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में पूर्व आईएसआई चीफ जन (रि) जियाउद्दीन ख्वाजा उर्फ जियाउद्दीन बट्ट के हवाले से कहा था 'एबोटाबाद में बिन लादेन को रखने, उसकी सुरक्षा सुनिश्चित करने और दुनिया से उन्हें छिपाए रखने के लिए एजाज शाह जिम्मेदार थे। और .......मुशर्रफ को यह सबकुछ पता था।' एक दूसरे मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने यहां तक दावा किया था कि उन्हीं के आदेश पर एबोटाबाद में लादेन के लिए एक सुरक्षित घर तैयार किया गया था।
बेनजीर भुट्टो की हत्या में हाथ!
पाकिस्तान की पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो ने 2007 के दिसंबर में अपनी हत्या से ठीक पहले ही इसकी साजिश रचे जाने की आशंका जाहिर कर दी थी। तब एजाज अहमद शाह पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ थे। भुट्टो ने आशंका जताई थी कि उनकी हत्या की साजिश रची जा रही है, जिसमें एजाज अहमद शाह भी शामिल हैं। इसलिए जब इमरान खान ने अपनी कैबिनेट में इन्हें मंत्री के तौर पर शामिल किया तो पाकिस्तान में काफी राजनीतिक विवाद भी हुआ। खासकर पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी ने इमरान के फैसले का जमकर विरोध किया था। अब उन्होंने खुलेआम स्वीकार किया है कि जमात-उद-दावा जैसे संगठनों को उन्होंने किस तरह से मदद की है और पाकिस्तान में सक्रिय तमाम आतंकी संगठनों को लेकर उनके इरादे क्या हैं।
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