'आजादी मार्च' की मांगों के सामने इमरान खान ने घुटने टेके, इस्तीफे के अलावा सब मंजूर
नई दिल्ली। पाकिस्तान में पिछले पांच दिनों से मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में चलाए जा रहे 'आजादी मार्च' की मांगों के सामने आखिरकार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने घुटने टेक दिए हैं। मंगलवार को उन्होंने कहा कि वह इस्तीफा देने के अलावा उनकी सभी मांगे मानने को तैयार हैं। इमरान खान ने यह घोषणा रक्षा मंत्री परवेज खट्टर के नेतृत्व में होने वाली बैठक में किया। 66 वर्षीय कट्टरपंथी मौलाना फजलुर ने 27 अक्टूबर को विपक्षी पार्टियों के साथ पाकिस्तान सरकार के खिलाफ 'आजादी मार्च' आयोजित किया।
बता दें कि, पिछले पांच दिन से इमरान सरकार के खिलाफ 'आजादी मार्च' के प्रदर्शनकारी अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं। मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में चलाए जा रहे विरोध प्रदर्शन में उन्होंने कहा था कि इमरान खान के इस्तीफे तक यह प्रदर्शन जारी रहेगा। मंगलवार को भी यह विरोध प्रदर्शन जारी रहा। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान सरकार ने फजलुर से संपर्क साधा है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए सरकार की तरफ से दो टीमों को भेजा गया, पूर्व प्रधानमंत्री सुजात हुसैन की अगुवाई में टीम ने सोमवार की रात मौलाना फजलुर से मुलाकात की।
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सरकार
विरोधी
रैली
को
विपक्ष
का
भी
समर्थन
मौलाना
फजलुर
रहमान
के
नेतृत्व
में
चलाए
जा
रहे
'आजादी
मार्च'
रैली
को
पाकिस्तान
के
कई
विपक्षी
पर्टियों
का
समर्थन
मिला
है।
वहीं,
पाकिस्तान
सरकार
इस
विरोध
को
किसी
भी
कीमत
पर
खत्म
करना
चाहती
है,
इसके
लिए
वह
सख्त
रवैया
भी
अपनाने
को
तैयार
है।
इमरान
सरकार
ने
मांगे
मानने
से
पहले
सोमवार
को
मौलाना
फजलुर
के
खिलाफ
कार्रवाई
करने
के
लिए
लाहौर
हाई
कोर्ट
में
एक
अर्जी
भी
दाखिल
किया
था।
इसमें
सरकार
के
खिलाफ
नफरत
फैलाने
और
भड़काऊ
भाषण
देने
का
आरोप
लगाया
गया
था।