क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

'मुशर्रफ को चौराहे पर फांसी दो' कहने वाले जज से इमरान और बाजवा नाराज, 'पागल' ठहराने की तैयारी

Google Oneindia News

नई दिल्ली- पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को फांसी से पहले मौत हो जाने की स्थिति में उनके शव को घसीटकर इस्लामाबाद के डेमोक्रेसी चौक पर लाने और तीन दिन तक फांसी के फंदे पर टांगे रखने का फैसला सुनाने वाले जज से इमरान खान की सरकार और पाकिस्तानी सेना बेहद नाराज है। इमरान सरकार ने इस फैसले के बाद कहा है कि वह इस 'मानसिक तौर पर बीमार' जज को हटाने के लिए सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल में जाएगी। पाकिस्तान में सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल के पास ही किसी हाई कोर्ट या सुप्रीम कोर्ट के जजों को हटाने का अधिकार है। इससे पहले मुशर्रफ आरोप लगा चुके हैं कि पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस की निजी खुन्नस की वजह से उन्हें अपनी बात अदालत में रखने तक का उचित मौका नहीं दिया गया है।

Recommended Video

Pervez Musharraf को चौराहे पर लटकाने का आदेश, Pakistan PM Imran Khan को लगी मिर्ची | वनइंडिया हिंदी
पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को 'पागल' ठहराने की तैयारी

पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस को 'पागल' ठहराने की तैयारी

पूर्व पाकिस्तानी तानाशाह परवेज मुशर्रफ के खिलाफ वहां के तीन हाई कोर्ट के जजों की विशेष अदालत से आए विस्तृत फैसले के फौरन बाद पाकिस्तानी पीएम इमरान ने अपनी लीगल टीम से बातचीत की और उस जज के खिलाफ कार्रवाई की गुजारिश करने करने का फैसला किया। इमरान के कानून मंत्री फरोघ नसीम ने कहा कि फैसले से जाहिर होता है कि जस्टिस सेठ 'मासिक तौर पर बीमार' थे, क्योंकि उन्होंने कहा है कि अगर सजा से पहले मुशर्रफ मर जाएं तो उनके शव को ही फांसी पर लटका दिया जाए। पाकिस्तानी कानून मंत्री के मुताबिक शव को फांसी के फंदे पर लटकाने की सजा पाकिस्तानी कानून के खिलाफ है। नसीम के मुताबिक, "फेडरल गवर्नेंट ने सुप्रीम जुडिशियल काउंसिल में जाने का फैसला किया है, क्योंकि सरकार मानती है कि ऐसा शख्स किसी भी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का जज नहीं बन सकता। अगर एक जज ऐसा फैसला देता है, तब वह मानसिक तौर पर बीमार और अयोग्य है।" नसीम के मुताबिक सरकार हायर जुडिशियरी से जस्टिस सेठ से कोई काम करवाने से भी रोकने को कहेगी, क्योंकि, "एक जज ने गैरजरूरी और गलत ऑब्जरवेशन दिया है।"

मुशर्रफ को मिली सजा को चुनौती देगी इमरान सरकार

मुशर्रफ को मिली सजा को चुनौती देगी इमरान सरकार

इमरान के एक और सहयोगी शहजाद अकबर ने कहा है कि जस्टिस सेठ का फैसला कानून के सभी निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन है और सरकार सिर्फ उन्हें पद से हटाने की कोशिश ही नहीं करेगी, बल्कि इस फैसले खिलाफ अपील भी करेगी। उन्होंने कहा, "हमने फैसले के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है।" अकबर के मुताबिक मुशर्रफ के खिलाफ सुनाया गया फैसला जल्दबाजी में आया है, जिसमें आरोपी को सुनवाई का सही मौका भी नहीं दिया गया।

बाजवा के कहने पर इमरान ने लिया फैसला!

बाजवा के कहने पर इमरान ने लिया फैसला!

इससे पहले पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर आसिफ गफूर ने कहा कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और पीएम इमरान खान परवेज मुशर्रफ को मिली सजा पर विस्तार से चर्चा की है और कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। बता दें कि मुशर्रफ के खिलाफ आए विस्तृत फैसले ने पाकिस्तानी सेना को बेहद नाराज कर रखा है, जिसने फैसले को सभी मानवीय, धार्मिक और सभ्य समाज के मूल्यों के खिलाफ बताया है। गफूर ने कहा कि 17 दिसंबर को आए संक्षिप्त फैसले की सच्चाई विस्तृत फैसले ने खोलकर रख दी है, खासकर इसमें इस्तेमाल हुए शब्द हर तरह के मूल्यों के खिलाफ हैं।

जस्टिस वकार अहमद सेठ ने सुनाया था फैसला

जस्टिस वकार अहमद सेठ ने सुनाया था फैसला

गौरतलब है कि गुरुवार को मुशर्रफ के खिलाफ सुनाए गए विस्तृत फैसले में तीन हाई कोर्ट के तीन सदस्यीय स्पेशल कोर्ट के अगुवा पेशावर हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस वकार अहमद सेठ ने कहा था, "हम कानून की तामील कराने वाली एजेंसियों को निर्देश देते हैं कि भगोड़े/ दोषी को पकड़कर लाने की पूरी कोशिश की जाए और सुनिश्चित किया जाय कि कानून के मुताबिक सजा की तामील हो और अगर मरा हुआ पाया जाता है तो उसके शव को पाकिस्तान में इस्लामाबाद के डी-चौक तक घसीट कर लाया जाए और 3 दिनों तक फांसी के फंदे पर लटकाकर रख जाय।"

मुशर्रफ ने फैसले को बताया है 'निजी बदला'

मुशर्रफ ने फैसले को बताया है 'निजी बदला'

इस्लामाबाद का डी-चौक यानि डेमोक्रेसी चौक कई सरकारी इमारतों मसलन, प्रेसिडेंसी, पीएम के दफ्तर, पाकिस्तानी संसद और पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट के बेहद करीब है। बता दें कि विस्तृत फैसला मुशर्रफ की ओर से ट्रायल पर उठाए गए सवालों के कुछ ही देर बाद आया था, जिसमें पूर्व पाकिस्तानी तानाशाह ने आरोप लगाया था कि सजा में उनके खिलाफ कुछ लोगों की 'निजी दुश्मनी' की झलक दिखाई पड़ती है। दरअसल, मुशर्रफ का इशारा पाकिस्तानी चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा की ओर था, जिनकी सेवा शुक्रवार को खत्म हो रही है।

इसे भी पढ़ें- NRC में नाम दर्ज कराने के लिए माता-पिता के दस्तावेजों की कोई जरूरत नहींइसे भी पढ़ें- NRC में नाम दर्ज कराने के लिए माता-पिता के दस्तावेजों की कोई जरूरत नहीं

Comments
English summary
Imran and Pak Army angry over judge saying 'let Musharraf hang at crossroads'
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X