प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीर के गलत इस्तेमाल पर होगी 6 महीने की जेल
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के तस्वीर का गलत इस्तेमाल करने वालों को अब 6 महीने की सजा हो सकती है। दरअसल प्राइवेट कंपनियों के विज्ञापन में पीएम नरेंद्र मोदी की तस्वीर इस्तेमाल किए जाने के बाद सचेत हुई केंद्र सरकार प्रतीक एवं नाम (अनुचित प्रयोग रोकथाम) कानून-1950 में पहली बार सजा का प्रावधान लाने जा रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार जुर्माने की रकम में भारी बढ़ोतरी करने जा रही है।
पीएम-प्रेसिडेंट के तस्वीर के इस्तेमाल पर कैद
अमर उजाला की एक रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ता मंत्रालय ने सात दशक पुराने कानून में संशोधन का जो ड्राफ्ट तैयार किया है, उस पर कानून मंत्रालय ने अपनी सहमति दे दी है। इसमें सजा को शामिल करने के साथ ही जुर्माने की राशि में एक हजार गुना की बढ़ोतरी की गई है। सार्वजनिक राय लेने के बाद इस ड्राफ्ट को कैबिनेट के पास भेजा जाएगा।
संसद के शीतकालीन सत्र में हो सकता है पास
केंद्र सरकार की पूरी कोशिश है कि इस बिल को संसद के शीतकालीन सत्र में ही पारित करा लिया। इस ड्राफ्ट के मुताबिक पहली बार पीएम और प्रेसीडेंट की तस्वीर का गलत इस्तेमाल करने पर एक लाख रुपये के जुर्माने की बात कही गई है। एक बार से अधिक बार ये गलती करने पर 5 लाख रुपये तक जुर्माना लगाया जाएगा। बार-बार कानून का उल्लघंन किए जाने पर 3 से 6 महीने की जेल हो सकती है।
क्यों लाया जा रहा है कानून?
प्रतीक एवं नाम कानून प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे उच्च और संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों की प्रतिष्ठा के साथ राष्ट्रीय प्रतीकों और ऐतिहासिक महत्व की वस्तुओं का संरक्षक है। इस कानून का उद्देश्य इनका व्यावसायिक उपयोग किए जाने से रोकना है। पहले प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति की तस्वीर का दुरुपयोग करने पर 500 रुपये के ज़ुर्माने का प्रावधान था।
पीएम मोदी की तस्वीर पर हुआ था विवाद
गौरतलब है कि पीएम मोदी के पहले कार्यकाल में उनकी तस्वीरों को निजी कंपनियों द्वारा विज्ञापन में इस्तेमाल करने पर विवाद खड़ा हो गया था। उस समय केंद्र सरकार ने विज्ञापनों में पीएम मोदी की तस्वीर लगाने वाली देश को दो बड़ी कंपनियों पर कार्रवाई की थी। आर्थिक जुर्माने के कम होने की वजह से प्रभाव ना होते देख कानून में बदलाव की रुपरेखा तैयार की गई।
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