संजय गांधी की मां ने आपातकाल लगाया, नेहरू की बेटी ने हटाया: जयराम रमेश
नई दिल्ली। हेडलाइन पढ़कर आप भी चौंक गए ना, लेकिन ये कहना हमारा नहीं बल्कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद जयराम रमेश का है, जिन्होंने ये विचित्र बात अपनी नई किताब 'इंदिरा गांधी : अ लाइफ इन नेचर' पर आधारित एक कार्यक्रम में कही।
संजय गांधी ने पहली नजर में दिया था अपने से 10 साल छोटी मेनका को दिल...
जयराम नरेश ने कहा कि देश में इमरजेंसी लगना एक गलत कदम था, जिसे इंदिरा ने अपने छोटे बेटे संजय गांधी की सलाह मानकर देश में लगाया था लेकिन जब जवाहरलाल नेहरू की बेटी को अपनी गलती का अहसास हुआ, तब उसने उसे वापस ले लिया था। अपनी बात को उन्होंने अपनी किताब में व्याखित भी किया है।
इंदिरा पर्यावरण के प्रति भी बहुत संवेदनशील थीं
जयराम नरेश ने ये भी कहा कि हम इंदिरा को या तो दुर्गा के रूप में जानते हैं और या फिर इमर्जेसी के लिए याद करते हैं, मगर बहुत कम लोग जानते हैं कि इंदिरा पर्यावरण के प्रति भी बहुत संवेदनशील थीं। मेरी यह किताब कुदरत के प्रति उनके लगाव को भी उजागर करती है। इंदिरा का मानना था जो लगाव या प्रेम हमारे देश के लोगों का प्रकृति के प्रति है वो धरती के और किसी भी देश में नहीं है।
इंदिरा ने अपने पिता पंडित नेहरू को लगभग 250 पत्र लिखे
जयराम ने कहा कि वर्ष 2009 से लेकर 2011 के 26 महीने मैं पर्यावरण मंत्री पद पर रहा। इस दौरान पुराने पत्र देखने के बाद मुझे पता चला कि इंदिरा गांधी कुदरत के प्रति काफी संवेदनशील थीं। 1925 से 1940 के बीच इंदिरा ने अपने पिता पंडित नेहरू को लगभग 250 पत्र लिखे थे और इन पत्रों में ज्यादातर उन्होंने पेड़, पक्षी, नदी, जंगल वगैरह का जिक्र किया है।