IMF ने घटाया विकास दर का अनुमान, 4.8 फीसदी रहेगी GDP
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भारत के आर्थिक वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 4.8 पर्सेंट कर दिया है। आईएमएफ ने 2021 में विकास दर 6.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। अब अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने एक बार फिर चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को 160 आधार अंक यानी 1.6 फीसदी घटा दिया है। साथ ही, वित्त वर्ष 2020-21 के लिए भी जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 120 आधार अंक यानी 1.20 फीसदी घटाकर 7 फीसदी से 5.8 फीसदी कर दिया है।
आईएमएफ ने दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच की बैठक के दौरान भारत की जीडीपी को लेकर अनुमान को जारी किया है। इसके पहले आईएमएफ ने चालू वित्त वर्ष में 6.1 फीसदी बढ़त होने का अनुमान जारी किया था। आईएमएफ की वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के गैर बैंकिंग वित्तीय सेक्टर में मुश्किल की वजह से घरेलू मांग तेजी से घटी है और कर्ज बढ़त की रफ्तार सुस्त हुई है।
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष की प्रमुख क्रिस्टलीना जॉर्जिवा ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के वृद्धि परिदृश्य में भी संशोधन करते हुए इसे थोड़ा कम किया गया है। उन्होंने कहा कि वैश्विक व्यापार प्रणाली में सुधार से जुड़े बुनियादी मुद्दे अभी भी मौजद हैं। पश्चिमी एशिया में भी कुछ घटनाक्रम देखने को मिले हैं। आईएमएफ प्रमुख ने नीति निर्माताओं को व्यवहारिक कदम उठाने जारी रखने की सलाह दी।
वहीं आईएमएफ की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ ने कहा कि मुख्य रूप से गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में नरमी तथा ग्रामीण क्षेत्र की आय में कमजोर वृद्धि के कारण भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान कम किया गया है। उन्होंने कहा कि वहीं दूसरी तरफ चीन की आर्थिक वृद्धि दर 2020 में 0.2 प्रतिशत बढ़कर 6 प्रतिशत करने का अनुमान है। यह अमेरिका के साथ व्यापार समझौते के प्रभाव को बताता है।
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