2019 में कम रही आर्थिक विकास की रफ्तार, लेकिन भारत अभी मंदी से बहुत दूर है: IMF MD
नई दिल्ली। भारत की सुस्त पड़ी आर्थिक रफ्तार के बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की मैनेजिंग डायरेक्टर क्रिस्टलीना जॉर्जीवा का बड़ा बयान आया है। आईएमएफ की एमडी ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था में वर्ष 2019 में आई अचानक कमी की वजह गैर बैंकिंग सेक्टर में हलचल, और सरकार द्वारा लिए गए अहम कदम जैसे जीएसटी, नोटबंदी हैं। उन्होंने कहा कि लेकिन अर्थव्यवस्था में आई अचानक कमी मंदी नहीं है। जॉर्जीवा ने कहा का यह सच है कि 2019 में भारत में अर्थव्यवस्था में कमी आई है। हमे विकास के अनुमान को कम कर करके पांच फीसदी से नीचे करना पड़ा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि वर्ष 2020 में यह 5.8 फीसदी तक पहुंचेगी और 2021 में यह 6.5 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ेगी।
आर्थिक
विकास
में
कमी
मंदी
नहीं
आईएमएफ
की
एमडी
ने
कहा
कि
ऐसा
लगता
है
कि
अर्थव्यवस्था
में
कमी
की
मुख्य
वजह
गैर
बैंकिंगे
वित्तीय
संस्थाओं
में
अशांति
की
वजह
से
ऐसा
हुआ
है।
आईएमएफ
की
एमडी
का
बयान
भारत
में
पेश
होने
वाले
आम
बजट
से
एक
दिन
पहले
आया
है।
जॉर्जीवा
ने
कहा
कि
भारत
ने
सुधार
के
लिए
कुछ
अहम
कदम
उठाए
हैं
,
जोकि
आने
वाले
समय
में
भारत
के
लिए
हितकारी
होंगे,
लेकिन
इसका
अल्पकाल
के
लिए
प्रभाव
जरूर
दिखेगा।
उदाहरण
के
लिए
जीएसटी
और
नोटबंदी
सरकार
के
ऐसे
ही
फैसले
हैं
जोकि
दीर्घकाल
में
भारत
के
लिए
लाभकारी
साबित
हो
सकते
हैं।
बजट
पर
रखनी
होगी
नजर
एमडी
ने
कहा
कि
भारत
में
बहुत
अधिक
राजकोषीय
गुंजाइश
नहीं
है।
हम
इस
बात
को
समझते
हैं,
हमे
यह
देखना
होगा
कि
कल
पेश
होने
वाला
बजट
किस
दिशा
में
जाता
है।
मीडियम
टर्म
की
बात
करें
तो
आईएमएफ
इसको
लेकर
आशावान
हैं,
यही
वजह
है
कि
हमे
देश
में
विकास
की
क्षमता
बढ़
रही
है।
मौजूदा
आर्थिक
विकास
की
धीमी
रफ्तार
को
मंदी
करार
नहीं
दिया
जा
सकता
है,
अभी
भारत
उससे
बहुत
दूर
है।
हालांकि
आर्थिक
विकास
में
आई
कमी
काफी
अहम,
लेकिन
बावजूद
इसके
यह
मंदी
नहीं
है।
आईएमएफ
ने
घटाया
विकास
दर
का
अनुमान
बता
दें
कि
अंतरराष्ट्रीय
मुद्राकोष
(आईएमएफ)
ने
मौजूदा
वित्त
वर्ष
के
लिए
भारत
के
आर्थिक
वृद्धि
दर
के
अनुमान
को
घटाकर
4.8
पर्सेंट
कर
दिया
है।
आईएमएफ
ने
2021
में
विकास
दर
6.5
फीसदी
रहने
का
अनुमान
लगाया
था।
अब
अंतर्राष्ट्रीय
मुद्रा
कोष
ने
एक
बार
फिर
चालू
वित्त
वर्ष
के
लिए
भारतीय
जीडीपी
ग्रोथ
के
अनुमान
को
160
आधार
अंक
यानी
1.6
फीसदी
घटा
दिया
है।
साथ
ही,
वित्त
वर्ष
2020-21
के
लिए
भी
जीडीपी
ग्रोथ
का
अनुमान
120
आधार
अंक
यानी
1.20
फीसदी
घटाकर
7
फीसदी
से
5.8
फीसदी
कर
दिया
है।
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