IMF ने 2021 में भारत की जीडीपी को 8.8% बढ़ने का लगाया अनुमान तो उर्मिला मातोंडकर ने सरकार पर कसा ये तंज
IMF ने 2021 में भारत की जीडीपी को 8.8% बढ़ने का लगाया अनुमान तो उर्मिला मंतोडकर ने सरकार पर कसा ये तंज
नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने 2021 में भारत की जीडीपी को 8.8% बढ़ने का अनुमान लगाया है। ये बांग्लादेश की जीडीपी ग्रोथ 4.4% से दो गुनी है। सरकारी स्रोत के अनुसार वर्तमान की मोदी सरकार के अंतर्गत, प्रति व्यक्ति जीडीपी 2014-15 में 83,091 रुपये से थी जो 2019-20 में बढ़कर 1,08,620 रुपये हो गई । यानी कि 30.7% की वृद्धि हुई। यूपीए 2 के तहत, इसमें 19.8% की वृद्धि हुई थी। सरकारी स्रोत के आधार पर मोदी सरकार में जीडीपी की ग्रोथ में बढ़ोत्तरी हुई।
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वहीं अब फिल्म एक्ट्रेस उर्मिला मांतोडकर ने आईएमएफ की तुलना बाग्लादेश से करने पर भारत सरकार पर तंज कसा है। उर्मिला ने अपने ट्वीटर हैंडल पर लिखा IMF ने अनुमान लगाया है कि प्रति व्यक्ति जीडीपी के मामले में बांग्लादेश भारत को पीछे छोड़ने के नजदीक पहुंच गया है, पर हमें क्या..हम तनिष्क से माफी मंगवाने और सेक्युलरिज़्म के मायने निकालने में व्यस्त रहते हैं 🙏🏼 जयहिंद।
सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5 फीसदी तक रखने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी
बता दें बीते मंगलवार को केंद्र सरकार सरकार राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 3.5 फीसदी तक रखने के लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाएगी। अंग्रेजी चैनल NDTV ने सरकारी सूत्रों के हवाले से ये खबर प्रकाशित की थी। गौरतलब है कि केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए बजट पेश करते हुए राजकोषीय घाटे को जीडीपी के साढ़े तीन प्रतिशत तक रखने की बात कही थी। सूत्रों के मुताबिक अभी इस बात का अंदाजा नहीं लगाया जा सकता कि राजकोषिय घाटा कितना होगा।
जीडीपी को बरकरार रखने के लक्ष्य को पूरा करने में सक्षम नहीं होगा केंद्र
सरकार की तरफ से अगस्त में जारी आंकड़ों के मुताबिक साल 2020-21 के एनुअल टारगेट पार कर गया। जुलाई माह के अंत में राजकोषीय घाटा 8.21 लाख करोड़ रुपये थे जो इस वित्त वर्ष के बजटीय लक्ष्य को 103.1 प्रतिशत है। सूत्रों ने यह भी बताया कि सरकार एक और आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज पर काम कर रही है।
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने बोली ये बात
वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के सुब्रमण्यम अर्थव्यवस्था के शीघ्र पटरी पर लौटने के अधिक आशान्वित है। उन्होंने कहा कि भारत से कोरोना वायरस खत्म होते ही भारतीय अर्थव्यवस्था में अंग्रेजी के अक्षर वी के आकार की तेजी से सुधार होगा। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास का कहना है कि अर्थव्यवस्था में अंग्रेजी के डब्लू आकार में सुधार होने की संभावना है। रिजर्व बैंक के गवर्नर का कहना है कि अर्थव्यवस्था में पहले सुधार होगा फिर गिरावट आएगी तथा उसके पश्चात अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट सकेगी अर्थात अर्थव्यवस्था के वर्ष 2019-20 के स्तर पर लौटने में एक साल से अधिक समय लगेगा।
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