इस साल गर्मी तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड, मौसम विभाग ने बताया- कैसा रहेगा मानसून
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने आने वाले महीनों में भीषण गर्मी पड़ने का आंदेशा जताया है। खास तौर पर उत्तर-पश्चिम, पश्चिम, मध्य और दक्षिण भारत में इस बार आने वाले महीनों में लोगों को गर्मी की मार झेलनी पड़ सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक मार्च महीने से लेकर मई तक भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक गर्म होने की संभावना है। मौसम विभाग ने मंगलवार को बताया कि औसत तापमान गर्मियों के महीने मार्च से मई के बीच पिछले वर्ष से अधिक रहने की उम्मीद है।
इन राज्यों के लोगों का निकलेगा पसीना
बता दें कि उत्तर पश्चिम भारत में यूपी, राजस्थान, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा शामिल हैं। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ मध्य भारत के हिस्से हैं, जबकि गुजरात और महाराष्ट्र पश्चिम भारत के अंतर्गत आते हैं। मौसम विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक इन राज्यों में सामान्य से अधिक तापमान हो सकता है। दूसरी ओर अगर ठंडे राज्यों की बात करें तो वहां का तापमान मार्च से मई के बीच सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस ज्यादा रहने का अनुमान है।
गर्मी तोड़ सकती है सारे रिकॉर्ड
भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक दिल्ली, जम्मू और कश्मीर, हरियाणा, चंडीगढ़, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पूर्वी राजस्थान, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उप-हिमालयी, पश्चिम बंगाल, गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्र, कोंकण और गोवा, मध्य महाराष्ट्र, मराठावाड़ा, विदर्भ , उत्तर आंतरिक और तटीय कर्नाटक, और केरल में भी गर्मी बढ़ने वाली है। वहीं, देश के बाकी हिस्सों में सामान्य से नीचे -0.5 डिग्री सेल्सियस और सामान्य से अधिकतम तापमान 0.5 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने की संभावना है।
मानसून को लेकर अच्छी खबर
इस वर्ष किसानों के लिए मानसून में अच्छी खबर है। मौसम विभाग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि ईआई नीनो (मौसम के पैटर्न पर वैश्विक प्रभाव के साथ प्रशांत महासागर में एक जलवायु चक्र) बारिश से पहले मार्च-मई की अवधि में तटस्थ होने की उम्मीद है। लेकिन इस पर साफ-साफ अप्रैल के महीने में ही कुछ कहा जा सकता है जब मौसम विभाग मानसून को लेकर अपनी पहली रिपोर्ट पेश करेगा। जल स्तर को लेकर भी राहत की खबर सामने आई है बता दें कि 20 फरवरी तक प्रमुख जलाशयों में जल स्तर 101.87 बिलियन क्यूबिक मीटर (बीसीएम) था जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 54 प्रतिशत अधिक है।
पिछले वर्ष टूटा था 25 साल का रिकॉर्ड
मालूम हो कि पिछले साल 2019 में जून से सितंबर के महीने में दक्षिण-पश्चिम मानसून ने देश में 10 प्रतिशत औसत से अधिक वर्षा हुई थी जो 25 वर्षों में सबसे अधिक है। 1994 में जून-सितंबर की अवधि में वर्षा 110 प्रतिशत थी। इससे पहले, 1990 में औसत से अधिक 10 प्रतिशत से अधिक 119 प्रतिशत बारिश हुई थी। पिछले साल हुई अधिक वर्षा ने न केवल कई शहरों और कस्बों को पानी में डुबो दिया बल्कि कई इलाकों में बाढ़ का भी सामना करना पड़ा था। मध्य प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में खरीफ की फसल को भी नुकसान हुआ।
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