अगले कुछ घंटों में दिल्ली समेत इन राज्यों में भारी बारिश की आशंका, 48 घंटों का अलर्ट जारी
नई दिल्ली। भारतीय मौसम विभाग के ताजा अपडेट में कहा है कि अगले 2-3 दिनों में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड समेत कई राज्यों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल होती जा रही हैं, जिसकी वजह से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, यूपी और पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में भारी बारिश की आशंका है और इसी वजह से इन राज्यों में भारतीय मौसम विभाग ने आज से लेकर अगले 48 घंटों तक अलर्ट जारी किया है।
इन जगहों में भारी बारिश की आशंका
जबकि स्काईमेट के मुताबिक अगले 24 घंटों में पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिण और पूर्वी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, असम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, केरल, तटीय कर्नाटक और सौराष्ट्र व कच्छ के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। इन भागों में कुछ स्थानों पर भारी बारिश की भी आशंका है।
मानसून इस वक्त बिहार में सक्रिय
आईएमडी के मुताबिक मानसून इस वक्त बिहार में सक्रिय है इसलिए विभाग ने कहा है कि अगले कुछ घंटों में पटना समेत देश के कई भागों में भारी बारिश की आशंका है, मौसम विभाग ने अपने पूर्वानुमान में सीतामढ़ी, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, वैशाली, शिवहर, समस्तीपुर, पूर्णिया, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल, अररिया और किशनगंज में भारी बारिश होने की संभावना व्यक्त की है, जबकि 24 से 26 जून के दौरान भारी बारिश का अलर्ट है।
यूपी के इन शहरों में भारी बारिश की आशंका
तो वहीं यूपी के सोनभद्र, रामपुर, मुरादाबाद और ललितपुर जिले में दोपहर तक बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। मौसम निदेशक जे.पी.गुप्त के अनुसार अगले 48 घंटों में मानसून पूरे उत्तर प्रदेश में आ जाएगा। लखनऊ और आसपास के इलाकों में मंगलवार को मानसून के मेहरबान होने के पूरे आसार बन गए हैं।
जानिए आखिर 'मानसून' कहते किसे हैं?
मानसून मूलतः हिंद महासागर एवं अरब सागर की ओर से भारत के दक्षिण-पश्चिम तट पर आनी वाली हवाओं को कहते हैं जो भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश आदि में भारी वर्षा करातीं हैं। ये ऐसी मौसमी पवन होती हैं, जो दक्षिणी एशिया क्षेत्र में जून से सितंबर तक, प्रायः चार माह सक्रिय रहती है। इस शब्द का प्रथम प्रयोग ब्रिटिश भारत में (वर्तमान भारत, पाकिस्तान एवं बांग्लादेश) एवं पड़ोसी देशों के संदर्भ में किया गया था। ये बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से चलने वाली बड़ी मौसमी हवाओं के लिये प्रयोग हुआ था, जो दक्षिण-पश्चिम से चलकर इस क्षेत्र में भारी वर्षाएं लाती थीं। हाइड्रोलोजी में मानसून का व्यापक अर्थ है- कोई भी ऐसी पवन जो किसी क्षेत्र में किसी ऋतु-विशेष में ही अधिकांश वर्षा कराती है।
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